
उत्तराखंड राज्य में सर्दियों के दौरान विद्युत की मांग काफी बढ़ चुकी है और आपूर्ति में लगातार गिरावट दर्ज हो रही है। ऐसे में रिकॉर्ड तोड़ मांग के बीच कटौती ने उद्योगों की रफ्तार भी धीमी कर दी है प्रदेश के ज्यादातर औद्योगिक क्षेत्रों में 4 से 6 घंटे की बिजली कटौती हो रही है और इससे उत्पादन पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। बता दें कि राज्य में बड़े और छोटे उद्योगों से करीब 50,000 करोड़ का वार्षिक कारोबार होता है लेकिन बिजली के संकट के चलते यह कारोबार प्रभावित हो रहा है। कारोबारियों द्वारा सरकार व ऊर्जा निगम से विद्युत आपूर्ति की उचित व्यवस्था करने की मांग की जा रही है। देश में कोयला और गैस संकट होने के कारण राज्यों को बिजली उपलब्ध नहीं हो पा रही है तथा ठंड के चलते उत्तराखंड राज्य में बिजली की मांग पहले से अधिक बढ़ चुकी है मगर आपूर्ति नहीं हो पा रही है। बता दें कि राज्य में पहली बार ऐसा हुआ है जब जनवरी माह में दैनिक विद्युत की मांग 40 मिलियन यूनिट पहुंच चुकी है और उपलब्धता 40 मिलियन यूनिट से भी कम की है। उत्तराखंड राज्य में ऑटोमोबाइल व फार्मा इकाइयों से निर्यात काफी अधिक मात्रा में होता है मगर बिजली संकट के चलते इनके उत्पादन प्रभावित हो रहे हैं और ऑर्डर डिलीवरी पर भी संकट मंडरा रहा है।


