
उत्तराखंड के नैनीताल में इस बार पहली बार ऐसा होगा जब हरियाणा के करनाल में विकसित गेहूं के बीजों से खेती होगी। बता दें कि करनाल में विकसित गेहूं की किस्म की खेती अब नैनीताल में होगी जिससे न केवल उपज बढ़ेगी बल्कि बीमारियां भी कम लगेगी इससे उत्पादन बढ़ेगा और किसानों को काफी फायदा मिलेगा। बता दें कि इन बीजों की बेहतर रोग प्रतिरोधक क्षमता के कारण फसल बर्बाद होने की संभावनाएं काफी कम होती हैं।खेती के लिए कृषि विभाग द्वारा न्याय पंचायत गुनीपुर, जीवानंद, कुंवरपुर, गौलापार लाखन मंडी चोरगलिया, हरिपुर बच्ची नगर में किसानों को 150 क्विंटल पीबीडब्ल्यू 187 किस्म का बीज वितरित किया गया है। इस मामले में विकास खंड प्रभारी अफरोज अहमद द्वारा बताया गया कि न्याय पंचायतों से जुड़े हुए किसानों द्वारा 3000 हेक्टेयर जमीन पर गेहूं की खेती होती है और अब हरियाणा के बीजों से इस खेती में चार चांद लग जाएंगे। फसल बर्बाद नहीं होगी और किसानों को काफी फायदा मिलेगा। इसके साथ उन्होंने यह भी बताया कि अच्छे परिणाम मिलने के कारण एचडी 2967 को एचडी 3086 किस्म से रिप्लेस करने की तैयारियां चल रही है। साथ में यह भी बताया गया है कि गेहूं का यह बीच 70 दिनों में फूल देता है और बुवाई के बाद 120 दिनों में परिपक्व हो जाता है इसकी असली औसत ऊंचाई 100 सेंटीमीटर होती है और प्रति हेक्टेयर 65 क्विंटल उत्पादन की यह क्षमता रखता है।
