बीते कई दिनों से देश में कोरोना के काफी कम मामले दर्ज हो रहे है। मगर इसका मतलब यह नहीं है कि देश में कोरोना खत्म हो गया है। बल्कि मामले इसलिए कम दर्ज हो रहे है क्योंकि देश में कोरोना टेस्ट भी कम कर दिए गए है। जहां पहले रोज 45 लाख लोगों के टेस्ट रोजाना किए जा रहे थे, वही अक्टूबर के आखिरी सप्ताह से 10 लाख टेस्ट भी देश में अच्छे से नहीं हो पा रहे है। नतीजा यह है कि लोगों को अपनी बीमारी का पता नहीं चल पा रहा है व समय रहते उन्हें इलाज भी नहीं मिल पा रहा है। जिसकी वजह से रोज देश में कई मौतें हो रही है ।
यह बात हमारे लिए काफी गर्व की है कि भारत वैक्सीनेशन के दौर में दुनिया के कई बड़े देशों से काफी आगे निकल गया है मगर इसी बीच कोरोना से संक्रमित लोगों की मौतों के आंकड़े डरावने आ रहे है बीते 24 घंटे में देश में कुल 11680 कोरोना के नए मामले सामने आए है वही 24 घंटे में 393 लोगों ने अपनी जान कोरोना संक्रमण से गवाही है। मौतो के आंकड़े काफी डरावने है। वैक्सीनेशन के दौर में ना सिर्फ हमें टीके पर ध्यान देना चाहिए बल्कि देश में अधिक से अधिक कोरोना की जांच भी करवानी चाहिए ताकि कोरोना संक्रमित मरीज का जल्द से जल्द पता चल सके व उसे जल्द से जल्द आइसोलेट किया जा सके।
देशवासी इस भ्रम में है कि कोरोना दिन पर दिन खतम हो रहा है मगर ऐसा बिल्कुल भी नहीं है मौतों के आंकड़े अभी भी उतने ही आ रहे हैं जितने मई व जून के समय में आ रहे थे देश में लोगों को और अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है व सरकार को अधिक से अधिक कोरोना से संबंधित जांच करवाने की।