
अल्मोड़ा। आज 38 साल बाद फिर उस परिवार की आंख में नमी आ गई जिस परिवार का बेटा 38 साल पहले सियाचिन ग्लेशियर में हिमस्खलन में दबकर शहीद हो गया। बता दें कि हिमस्खलन में दबकर शहीद होने वाले लांस नायक चंद्रशेखर हरबोला का पार्थिव अब जाकर खोजा गया है और उम्मीद है कि मंगलवार तक उनका पार्थिव शरीर हल्द्वानी पहुंच जाएगा।
लांसनायक चंद्रशेखर हर्बोला मूल रूप से उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के रानीखेत तहसील अंतर्गत बिंता हाथीखुर गांव के निवासी थे जो कि 1978 में कुमाऊँ रेजीमेंट में भर्ती हुए थे और 1984 को बटालियन निडर लेफ्टिनेंट पीएस पुंडीर के नेतृत्व में 19 जवानों के साथ ऑपरेशन मेघदूत पर गए थे। तभी 29 मई को भारी हिमस्खलन से पूरी बटालियन दब गई और उन्हें शहीद घोषित कर दिया गया और उस समय लांसनायक चंद्रशेखर मात्र 28 वर्ष के थे और अब जाकर उनका पार्थिव शरीर मिला है जिसके बाद उनकी पत्नी को फोन पर यह जानकारी दी गई कि लांस नायक चंद्रशेखर का पार्थिव शरीर ग्लेशियर से खोज लिया गया है।इस बात की सूचना मिलते ही रविवार को एसडीएम मनीष कुमार और तहसीलदार संजय कुमार समेत प्रशासन की टीम उनके घर पहुंची और एसडीएम ने इस दौरान शोक संवेदना व्यक्त करते हुए परिजनों को हिम्मत दी।
जिसके बाद सहायक सैनिक कल्याण अधिकारी पुष्कर भंडारी द्वारा जानकारी दी गई कि सोमवार शाम या फिर मंगलवार सुबह तक शहीद का पार्थिव शरीर हल्द्वानी पहुंच जाएगा और शहीद का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ रानीबाग स्थित चित्रशिला घाट पर किया जाएगा। इसके लिए तैयारियां भी कर ली गई है।
