नई दिल्ली| भारत मंकीपॉक्स का संक्रमण रोकने के लिए यूरोपीय संघ की तर्ज पर चेचक के टीके का इस्तेमाल नहीं करेगा| भारत का मानना है कि मंकीपॉक्स कोरोनावायरस की भांति देश के लिए बड़ा खतरा नहीं है| लोगों को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाए जाएंगे|
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण के अनुसार, डेनमार्क की एक कंपनी चेचक का टीका बनाती है क्योंकि यूरोप के कई देशों में चेचक की बीमारी मौजूद है| देश में 30 साल पहले इसका उन्मूलन हो चुका है| आज चेचक का टीका भी देश में बनना बंद हो गया है| बताते चलें कि अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने हाल ही में इस टीके को मंकीपॉक्स के लिए देना शुरू किया है| मंकीपॉक्स के लक्षण चेचक जैसे ही है इसलिए वहां इसे रिंग वैक्सीनेशन के लिए मंजूर किया है यूनिवर्सल वैक्सीनेशन के लिए नहीं| यह भी स्पष्ट नहीं है कि वह कितना असरदार है, असरदार है भी या नहीं?|