देश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब सरकार चौकन्नी हो गई है तथा जल्द ही 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को एहतियाती खुराक मोहिया कराने के बारे में सोच रही है। बता दें कि फ्रंटलाइन वर्करों और बड़े बुजुर्गों को पहले ही एहतियाती खुराक मिलनी शुरू हो गई हैं तथा निजी और सरकारी केंद्रों में 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए भी कोरोना की सतर्कता डोज उपलब्ध है। कोरोना की दूसरी खुराक और बूस्टर डोज के बीच का अंतर जहां पहले 9 महीने था वहीं अब इसे घटाकर 6 महीने किया जा सकता है। इसकी जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने दी है। उन्होंने बताया कि कोविड-19 रोधी वैक्सीन की दूसरी और एहतियाती खुराक के बीच के समय अंतराल को कम करने की सिफारिश राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह द्वारा की जा सकती है। बता दे कि अगामी 29 अप्रैल 2022 को राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह की बैठक होने वाली है जिसमें कोरोना रोधी टीके की दूसरी खुराक और एहतियाती खुराक के बीच के अंतर को कम करने की सिफारिश की जा सकती हैं। आईसीएमआर और अन्य अंतरराष्ट्रीय शोध संस्थानों ने अध्ययन कर बताया है कि कोरोना विरोधी वैक्सीन की दोनों खुराक के बाद लगभग 6 महीने में शरीर में एंटीबॉडी का स्तर कम होने लगता है जिसके बाद एहतियाती खुराक मिलने से महामारी के खिलाफ शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया बढ़ जाती हैं। इसलिए अब राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह द्वारा इस समय अंतराल को कम करने की सिफारिश की जा सकती हैं।
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