Uttarakhand -: यूसर्क कर रहा राज्य के जल स्रोतों का वैज्ञानिक अध्ययन

देहरादून| उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र ( यूसर्क) कि निदेशक प्रोफ़ेसर अनीता रावत ने कहा कि यूसर्क राज्य के जल स्रोतों का वैज्ञानिक अध्ययन कर रहा है| संस्थान जुलाई 2021 से प्रतिमाह वाटर एजुकेशन लेक्चर सीरीज कार्यक्रम कर रहा है| यूसर्क व देवभूमि विज्ञान समिति के संयुक्त तत्वाधान में वाटर एजुकेशन व्याख्यान श्रृंखला आयोजित की गई| जिसे संस्थान की निदेशक डॉ अनीता रावत ने संबोधित करते हुए कहा कि हिमालय क्षेत्र में बर्फ, हिमनद, हिमनद झीलों का अध्ययन विषय पर कार्यक्रम ऑनलाइन किया गया| कार्यक्रम का संचालन करते हुए संयोजक डॉ भावतोष शर्मा ने कहा कि भारतीय हिमालय क्षेत्र के ग्लेशियर एवं उस से बनने वाली चीजों का अध्ययन बहुत महत्वपूर्ण है| इन सभी का आधारभूत ज्ञान होने के साथ-साथ इनके संरक्षण के लिए भी प्रयास आवश्यक है|
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान रुड़की के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ संजय जैन ने ग्लेशियरों की वर्तमान व पूर्व की स्थितियों, उनकी संख्या, उपलब्ध बर्फ की मात्रा, गंगा बेसिन की ग्लेशियर, रिमोट सेंसिंग अध्ययन विषयों की जानकारी दी| उन्होंने ग्लेशियरों के पिघलने, पर्वतीय भाग में ग्लेशियरों से बनने वाली झीलें, उनके फटने से होने वाले खतरे और बचाव पर महत्वपूर्ण जानकारी दी| उन्होंने केदारनाथ आपदा के कारणों को विस्तार से समझाया और कहा कि अर्ली वार्निंग सिस्टम द्वारा नुकसान से बचा जा सकता है|