राइस यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने बेकार प्लास्टिक को उपयोग के लिए एक प्रभावी कार्बन डाइऑक्साइड द्रव में बदलने की एक नई रासायनिक तकनीकी खोज की है| यह अध्ययन पत्रिका ‘एसीएस नैनो’ में प्रकाशित हुआ है| जिसके मुताबिक शोधकर्ताओं ने कहा है कि रासायनिक रीसाइक्लिंग के रूप में जानी जाने वाली प्लास्टिक को पाइरोलाइज करने की प्रक्रिया तेल , गैस और मोम का उत्पादन करती है लेकिन कार्बन उपोत्पाद लगभग बेकार हो जाते हैं|
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