प्रधानमंत्री मुद्रा योजना केंद्र सरकार की योजना है| इसका उद्देश्य गैर-कारपोरेट और गैर कृषि लघु/ सूक्ष्म में उद्योगों को 10 लाख रुपये तक की लोन सुविधा देना है| पीएम मोदी ने 8 अप्रैल 2015 को इसकी शुरुआत की| सरकारी आंकड़ों के मुताबिक तब से 7 सालों में हो योजना के तहत 18.06 लाख करोड़ रुपए का लोन बांटा जा चुका है| इसके लिए कुल 34.42 करोड़ से अधिक लोन खाते खोले गए हैं| इस योजना के तहत बैंक, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां और लघु वित्तीय संस्थान आदि के माध्यम से 10 लाख रुपए तक के लोन की सुविधा है| यह लोन तीन श्रेणियों शिशु, किशोर और तरुण में दिया जाता है|
शिशु लोन: 50,000 रुपये तक का होता है।
किशोर लोन: 50,000 रुपये से अधिक और 5 लाख रुपये से कम का होता है।
तरुण लोन: 5 लाख रुपये से अधिक और 10 लाख रुपये तक का होता है।
बताते चलें कि पीएमएमवाई के तहत विनिर्माण, व्यापार और सेवा क्षेत्रों तथा कृषि से संबंधित कार्यों जैसे मुर्गी पालन, डेयरी, मधुमक्खी पालन आदि के लिए लोन दिए जाते हैं| इसके अलावा इस योजना में आरबीआई के दिशा-निर्देशों के अनुसार, ब्याज दर ऋण लेने वाले संस्थानों द्वारा तय की जाती है| कार्यशील पूंजी सुविधा के मामलों में उधार लेने वाले के ऋण पर 1 दिन बीतने के बाद से ही ब्याज लगाया जाता है| इसके अलावा बता दें कि गैर कृषि क्षेत्र की आय अर्जन गतिविधि जैसे विनिर्माण, प्रसंस्करण , व्यापार अथवा सेवा क्षेत्र के वाली व्यवसाय योजना वाला भारत का कोई भी नागरिक प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत मुद्रा ऋण के लिए आवेदन कर सकता है| इसके लिए कोई भी व्यक्ति स्त्री हो या पुरुष स्वामी आधारित प्रतिष्ठा भागीदारी फर्म प्राइवेट लिमिटेड कंपनी अथवा अन्य निकाय आवेदन कर सकते हैं इसके लिए लोन देने वाले बैंक या एजेंसी की शर्तों का पालन करना होता है|