
देहरादून| राज्य में बढ़ती गर्मी के साथ जंगल तेजी से धड़कने लगे है| जंगलों में आग लगने के कारण जंगली जानवर आबादी की ओर रुख कर रहे है, दूसरी ओर पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है| हर वर्ष गर्मियों के दिनों में आग लगने के मामले सामने आते हैं जिसके कई मानवीय कारण भी होते हैं तो कई प्राकृतिक कारण भी होते हैं| जिनके लिए वन विभाग अलर्ट रहता है| इसी बीच जंगलों में धधकती आग को देखते हुए उत्तराखंड के 8 जिलों में अलर्ट जारी किया है| अगले 2 दिन जंगल ज्यादा जल सकते हैं| हवा में नमी की कमी के कारण आग बढ़ने की आशंका है| डीएफओ को जिला प्रशासन के साथ बैठक कर आग की घटना और जंगलों में लोगों की आवाजाही रोकने के निर्देश दिए गए हैं| मुख्य वन संरक्षक कुमाऊं डॉ. तेजस्विनी पाटिल ने सभी डीएफओ से पीडब्ल्यूडी सिंचाई विभाग के साथ सामंजस्य बनाने और डीएम के साथ बैठक करके जंगलों को आग से बचाने के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा है| वनाधिकारियों का कहना है कि तापमान बढ़ने से कई स्थानों पर हवा की नमी घटकर 20 फ़ीसदी के आसपास रह गई है| ऐसे में सूखे पत्तों को कहीं से भी चिंगारी मिलती है तो आग तेजी से फैलती है इस आशंका से विभाग में हड़कंप मचा हुआ है| चिंता की बात यह है कि मौसम विभाग में तेज हवाएं चलने का भी पूर्वानुमान बताएं है यदि बिना बारिश तेज हवाएं चलती है तो यह वानिकी की नजरिए से काफी घातक हो सकती है| अब विभाग की उम्मीदे सिर्फ बारिश पर टिकी हुई है|
एपीपीसीएफ- फॉरेस्ट फायर निशांत वर्मा के अनुसार, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, बागेश्वर, चंपावत, टिहरी गढ़वाल, पौड़ी गढ़वाल, अल्मोड़ा और चमोली के 12 डिवीजन इस वक्त सबसे ज्यादा संवेदनशील है|
