कॉमनवेल्थ गेम 2022 के आखिरी दिन भारत की झोली में 20 वां गोल्ड मेडल लाने वाले युवा शटलर लक्ष्य सेन की जीत का जश्न उत्तराखंड के साथ पूरे देश में धूमधाम से बनाया जा रहा है| ब्रिटेन के बर्मिंघम में पुरुष सिंगल्स के फाइनल में लक्ष्य सेन ने मलेशिया के त्जे यंग को तीन गेम तक चले मुकाबले में करारी शिकस्त दी|
बताते चलें कि लक्ष्य सेन ने इसी साल भारत के थॉमस कप जीता था| जिसके बाद लक्ष्य पीएम मोदी के लिए अल्मोड़ा की प्रसिद्ध बाल मिठाई लेकर गए थे|
बताते चलें कि उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के मध्यमवर्गीय परिवार से निकले लक्ष्य सेन का जन्म 14 अगस्त 2001 को हुआ| उनका परिवार 80 वर्षों से अधिक समय से अल्मोड़ा में तिलकपुर मोहल्ले में रह रहा है| 10 वर्ष की उम्र में लक्ष्म ने इसराइल में पहला अंतरराष्ट्रीय किताब स्वर्ण पदक के रूप में जीता था| वह अपने बड़े भाई अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी चिराग से भी प्रेरित थी| लक्ष्म की माता निर्मला सेन पूर्व में निजी स्कूल में शिक्षिका थी| 2018 में लक्ष्य के पिता डीके सेन ने वीआरएस ले लिया था| माता ने भी स्कूल छोड़ बच्चों के प्रशिक्षण के लिए परिवार समेत बंगलुरु में शिफ्ट हो गए थे| जहां लक्ष्य और चिराग में प्रशिक्षण किया और पिता डीजे सेन भी प्रकाश पादुकोण अकादमी में सीनियर कोच है|