सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा के योग विज्ञान विभाग ने डॉ नवीन भट्ट के निर्देशन में प्रथम ध्यान दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विशेष ध्यान सत्रों का आयोजन किया। यह आयोजन विभाग की पहल पर ध्यान और मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि डॉ0 तेजपाल सिंह (सहायक प्राध्यापक, हिन्दी विभाग), योग विभाग के डॉ लल्लन सिंह एवं हेमलता अवस्थी ने संयुक्त रूप से द्वीप प्रज्ज्वलित कर किया । कार्यक्रम संयोजक डॉ0 नवीन चन्द्र भट्ट (परिसर निदेशक, चंपावत परिसर एवं विभागाध्यक्ष योग विज्ञान विभाग) ऑनलाइन रूप से इस कार्यक्रम से जुड़े उन्होंने कहा कि 21 दिसम्बर को विश्व ध्यान दिवस का आयोजन इसलिए किया गया क्योंकि भारतीय परंपरा में, उत्तरायण की शुरुआत शीतकालीन संक्रांति से होती है और इसे वर्ष का सबसे शुभ समय माना जाता है, जिसमें ध्यान और आंतरिक चिंतन के माध्यम से मानवीय क्षमता का पूर्ण दोहन किया जाता है। यह 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के ठीक छह महीने बाद आता है, जो ग्रीष्म संक्रांति है। इसलिए संयुक्त राष्ट्र ने इसके महत्व को जानते हुए 21 दिसम्बर को विश्व ध्यान दिवस के रूप में मान्यता दी।
मुख्य अतिथि डॉ तेजपाल सिंह ने ध्यान के शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक लाभों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि ध्यान न केवल मानसिक शांति प्रदान करता है, बल्कि तन्यकता और संवेगात्मक क्षमता को भी विकसित करता है।
इस अवसर पर योग विभाग के वरिष्ठ शिक्षक डॉ. लल्लन कुमार सिंह ने प्रतिभागियों को ध्यान की विभिन्न विधियों का अभ्यास करवाया। उन्होंने ध्यान के महत्व पर चर्चा करते हुए कहा कि यह आज की तनावपूर्ण जीवनशैली में मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य बनाए रखने का एक प्रभावी साधन है।
सत्र में लगभग 100 से अधिक विद्यार्थियों, शोधकर्ताओं, एनसीसी, एनएसएस के स्वयंसेवकों और शिक्षकों ने भाग लिया। प्रतिभागियों ने सामूहिक ध्यान का अनुभव किया, जो आत्म-चिंतन और मानसिक शुद्धि का अवसर प्रदान करता है।कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें प्रतिभागियों ने इस प्रकार के आयोजन की प्रशंसा की और इसे नियमित रूप से आयोजित करने का अनुरोध किया।योग विज्ञान विभाग की इस पहल ने ध्यान और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।