
International Women’s day- 8 मार्च -: सबके जीवन में महिलाओं की एक अहम भूमिका होती है महिला के बिना सभी अधूरे होते हैं| हमारे जीवन में मां, बहन, बेटी, बहू होती हैं जिनके बिना हमारा जीवन अधूरा होता है| आज 8 मार्च का दिन अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाएगा| यह दिन महिलाओं के सम्मान में समर्पित है| महिलाओं को सम्मान देने और समाज में उनके प्रति बुरे रवैया को बदलने के उद्देश्य से हर वर्ष अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है|
हर वर्ष 6 मार्च को विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान प्रशंसा और प्रेम प्रकट करते हुए महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों एवं कठिनाइयों की सापेक्षता के उपलक्ष में उत्सव के तौर पर आज का दिन मनाया जाता है|
आज के दिन को संयुक्त राष्ट्र द्वारा चयनित राजनीतिक और मानव अधिकार विषय वस्तु के साथ महिलाओं के राजनीतिक एवं सामाजिक उत्थान के लिए मनाया जाता है| कुछ लोग बैगनी रंग के रिबन पहनकर इस दिन का जश्न मनाते हैं| सबसे पहला दिवस न्यूयॉर्क शहर में 1909 में एक समाजवादी राजनीतिक कार्यक्रम के रूप में आयोजित किया गया था| 1917 में सोवियत संघ ने इस दिन को एक राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया और यह आसपास के अन्य देशों में फैल गया इसे अब कई पूर्वी देशों में भी मनाया जाता है|
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च 1914 को दर्शाते हुए एक जर्मन पोस्टर में लिखा था कि ‘हम महिलाओं को मताधिकार का अधिकार दो – महिला दिवस 8 मार्च 1914, अब तक देश भाव और प्रतिक्रियावादी नजरिए ने उन महिलाओं को पूर्ण नागरिक अधिकार से वंचित रखा है जिन्होंने श्रमिकों ,माताओं और नागरिकों की भूमिका पूरी निष्ठा से अपने कर्तव्य का पालन किया है और जिन्हें नगरपालिका के साथ-साथ राज्य के प्रति भी करों का भुगतान करना होता है इस प्राकृतिक मानवाधिकार के लिए हर औरत को दृढ़ एवं अटूट इरादे के साथ लड़ना चाहिए इस लड़ाई में किसी भी प्रकार के ठहराव या विश्राम करने की अनुमति नहीं है सभी महिलाएं और लड़कियां आए रविवार 8 मार्च 1914 को शाम 3:00 बजे 9वी महिला सभा में शामिल हो|’
इसमें महिलाओं ने अपने अधिकारों की मांग करने के लिए आंदोलन करने की बात कही है| और सभी महिलाओं को सभी लड़कियों को इसमें शामिल होने के लिए कहा है|
आज भी हम देखते हैं कि महिलाओं को उतने अधिकार प्राप्त नहीं होते जितने होनी चाहिए उनको पुरुषों से हमेशा नीचे रखा जाता है| भले ही यह बात कही जाती है कि महिलाओं को भी आज इतना ही सम्मान और हर क्षेत्र में उतनी ही जगह दी जाती है जितना पुरुषों को दिया जाता है लेकिन हकीकत कुछ और है एक लड़का जब घर से निकलता है तो उससे यह नहीं पूछा जाता कि वह कहां जा रहा है और जब देर रात घर आता है तो उससे यह नहीं पूछा जाता कि वह क्यों इतनी देर मैं घर आ रहा है लेकिन जब यही स्थिति एक लड़की के साथ होती है तो उससे एक नहीं 10-10 सवाल किए जाते हैं हम सभी जानते हैं कि इस पूरे संसार में इस सृष्टि को बनाने में एक महिला की कितनी अहम भूमिका है अगर महिलाएं नहीं होंगी तो कैसे यह संसार चलेगा कैसे किसी का वंश चल पाएगा कैसे एक बच्चे का जन्म होगा, यह सभी सोचने की बात है आज ही नहीं हमें हर दिन महिलाओं के लिए खास बनाना चाहिए क्योंकि उनके बिना इस संसार की कल्पना नहीं की जा शक्ति है|
महिलाएं आज हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है लेकिन ग्रामीण परिवेश की बात की जाए तो आज भी वही रीति रिवाज देखने को मिलते हैं जो पहले थे महिलाओं को आगे बढ़ने से रोका जाता है उन्हें घर के कामों तक ही सीमित रखा जाता है हम सभी को मिलकर इस सोच को बदलना होगा और महिलाओं को हर क्षेत्र में पुरुषों के बराबरी का हिस्सा देना होगा तभी हम अपने समाज को एक सुंदर और सुदृढ़ बना सकते हैं|