World Health Day 2022 -: ‘जीवन लंबा तो है, पर अस्वस्थ है’, जानिए विश्व स्वास्थ्य दिवस का मुख्य उद्देश्य

हर वर्ष 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है| इसकी शुरुआत साल 1950 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने की थी| इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना है ताकि हर व्यक्ति स्वस्थ रहें और जरूरत पड़ने पर अच्छे इलाज की सुविधा प्राप्त कर सके| भारत में प्राचीन काल से पहला सुख निरोगी जीवन था| लेकिन आज हर कोई किसी न किसी रोग से ग्रस्त है| हम ज्यादा जी रहे हैं पर यह जीवन अब सेहतमंद नहीं रहा| आरामदायक जीवन शैली से उपजी बीमारियों ने हमें घेर लिया है| वैज्ञानिक अध्ययन बताते हैं कि डायबिटीज, बीपी और हाईपरटेंशन जैसे रोग जीवन के चौथे पांचवें दशक में पहुंचे लोगों की जिंदगी का हिस्सा बन गए हैं| कोविड-19 महामारी के दौरान कई सर्वेक्षणों में लोगों ने माना है कि खराब जीवनशैली ने उन्हें संक्रमण की ओर धकेला| एक तरफ तो आज हम ज्यादा जीने लगे हैं बीते 5 दशक में हमारी औसत आयु करीब 22 साल बढ़ गई है| लेकिन उम्र ज्यादा होने से स्वास्थ्य जीवन में कोई खास इजाफा नहीं हुआ| अब हम पहले के मुकाबले अधिक बीमारियों के चपेट में आ चुके हैं| विश्व स्वास्थ्य संगठन की ताजा रिपोर्ट के हिसाब से कहे तो बीमारों की देखभाल में तो भारत का प्रदर्शन पहले से अच्छा रहा है| लेकिन जीवन शैली से जुड़े डायबिटीज जैसे रोगों ने नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं| कभी पोलियो, खसरा, टीवी और एड्स से लड़ता रहा भारत आज डायबिटीज ‘कैपिटल’ बन गया है और 2025 तक 7 करोड़ से ज्यादा लोग से ग्रसित होने के आसार है| इसके अलावा बीते 30 वर्षों में हृदय रोगियों की तादाद दोगुनी हो गई है| हृदय रोग कभी पांचवें पायदान पर था| लेकिन अब यह देश में सबसे बड़ी बीमारी बन गया है| एक अध्ययन के मुताबिक भारत में बीते 3 दशकों के दौरान लोगों की स्वास्थ्य क्षति में सबसे बड़ा योगदान ह्रदय, सीओपीडी, डायबिटीज और पक्षाघात जैसे रोगों का रहा है| जीवनशैली के कारण होने वाली बीमारियों ने 35 साल तक की युवा आबादी को शहर ही नहीं गांव तक तेजी से अपनी गिरफ्त में ले लिया है और यह मौत का सबसे बड़ा कारण बन गया है| इसका असर में साफ-साफ कोविड-19 महामारी को देखने में मिला| जिसमें जान गवाने वाले आधे भारतीय पहले से ही डायबिटीज और हाईपरटेंशन जैसे रोगों के शिकार थे| लोगों की आरामदायक जिंदगी की चाहत उन्हें और अधिक रोगों से ग्रस्त करती है| मोटापा सबसे बड़ी बीमारी है जो अन्य रोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है| छोटे ,बड़े, बुजुर्ग हर कोई मोटापे से परेशान रहता है| इन सभी रोगों से छुटकारा तभी पाया जा सकता है जब हम वातावरण और अपनी जीवनशैली में परिवर्तन करें| क्योंकि स्वास्थ्य स्वास्थ्य से ही स्वस्थ मस्तिष्क का विकास होता है और व्यक्ति अपने स्वस्थ मस्तिष्क से अपनी और देश की तरक्की कर सकता है| आज हमें जीवन शैली, अपने खानपान, अपने दिन पर दिन प्रदूषित होते जा रहे वातावरण में परिवर्तन की आवश्यकता है क्योंकि यह सब रोगों को बढ़ावा देने का कारण है| इसके अलावा हमें सफाई का भी विशेष ध्यान रखना होगा क्योंकि गंदगी भी कई लोगों को बढ़ावा देती है|