अल्मोड़ा में पंच परिवर्तन के संदेश के साथ व्यापक स्तर पर मनाया गया विजयादशमी उत्सव

अल्मोड़ा, 2 अक्टूबर 2025।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अल्मोड़ा जिले में इस वर्ष विजयादशमी उत्सव को एक नई दिशा देते हुए प्रत्येक बस्ती स्तर पर आयोजित कर रहा है। संघ ने 28 सितम्बर से 12 अक्टूबर तक का समयावधि निर्धारित करते हुए सभी स्वयंसेवकों से अपने-अपने नगरों, गांवों और बस्तियों में इस पावन उत्सव को उत्साह के साथ मनाने का आग्रह किया है।

अब तक जिले में खंड बाड़ेछिना में अब तक 5 ताकुला में 2 एवं अल्मोड़ा नगर क्षेत्र में 2 मंडल व बस्ती में यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक सम्पन्न हो चुका है। उत्सव की मुख्य कड़ी में एकत्रीकरण, पथ संचलन, शस्त्र पूजन और विशेष बौद्धिक कार्यक्रम शामिल हैं।

पंच परिवर्तन का महत्वपूर्ण संदेश

इस वर्ष के विजयादशमी उत्सव की विशेषता है – पंच परिवर्तन का व्यापक प्रचार-प्रसार। संघ के इस महत्वपूर्ण अभियान के अंतर्गत पाँच प्रमुख आयाम सम्मिलित हैं :

1. स्व का बोध (स्वदेशी भावना) – अपनी सोच, भाषा, भोजन और व्यवहार में स्वदेशी भाव को आत्मसात करना।

2. नागरिक कर्तव्य – समाज को कर्तव्यों के प्रति जागरूक करना एवं कानूनों का पालन।

3. पर्यावरण संरक्षण – जल संरक्षण, पौधरोपण तथा प्रकृति के साथ सामंजस्यपूर्ण जीवनशैली।

4. सामाजिक समरसता – छुआछूत और भेदभाव समाप्त कर सभी वर्गों में एकता स्थापित करना।

5. कुटुंब प्रबोधन – संयुक्त परिवार की संकल्पना को सशक्त बनाना एवं पारिवारिक मूल्यों का संरक्षण।

विजयादशमी की महत्ता पर बौद्धिक मत

विजयादशमी शक्ति की उपासना का दिन है। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की विजय, धर्म की स्थापना और शक्ति का संदेश देता है।
तीन प्रकार की शक्तियाँ होती हैं –

-संगठित शक्ति

-धन की शक्ति

-ज्ञान की शक्ति (जिसे सर्वोपरि माना गया है)

विजयादशमी के दिन शस्त्र पूजन का विशेष महत्व है। यह परंपरा इस विश्वास पर आधारित है कि शस्त्र प्राणों की रक्षा करते हैं और इनमें विजया देवी का वास होता है। उल्लेखनीय है कि डॉ. हेडगेवार ने वर्ष 1925 में इसी पावन दिन संघ की स्थापना समाज को शक्तिशाली बनाने के उद्देश्य से की थी।
शताब्दी वर्ष का विशेष महत्व

यह विजयादशमी संघ के लिए विशेष महत्व रखती है क्योंकि संगठन अपने शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर रहा है। विजयादशमी 2025 से विजयादशमी 2026 तक चलने वाले इस शताब्दी वर्ष में संघ का मुख्य लक्ष्य हिन्दुओं को संगठित करना एवं भारतीय संस्कृति के प्रति जनजागरण रहेगा।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का यह व्यापक विजयादशमी अभियान केवल उत्सव न होकर समाज में संगठन, संस्कार और सेवा की भावना को प्रबल बनाने तथा पंच परिवर्तन के माध्यम से राष्ट्रीय पुनर्निर्माण की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है।

राजेंद्र जोशी
जिला प्रचार प्रमुख
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, अल्मोड़ा

Leave a Reply