
उत्तराखंड राज्य में परिवहन निगम की जो भी उपयोग में न लाई जाने वाली बसे हैं उनका उपयोग अब मोबाइल रैन बसेरों के रूप में किया जाएगा और शहरी क्षेत्रों में बेघरों को इन बसों में जगह मिलेगी। बेघरों के अनुश्रवण के लिए गठित राज्य स्तरीय समिति की बैठक में अब इस मुहिम में तेजी लाने पर जोर दिया गया। इसके अलावा मोबाइल रैन बसेरों का उपयोग चार धाम यात्रा, कावड़ यात्रा व स्नान पर्वों पर यात्रियों को सुविधा देने हेतु भी किया जा सकता है। गठित की गई समिति ने नगर निगम देहरादून द्वारा 3 साल बाद भी निगम के दो बसों को प्राप्त ना करने पर असंतोष व्यक्त किया है और इसके अलावा देहरादून नगर निगम को निर्देश दिए गए हैं कि तत्कालीन बसों को प्राप्त करें और उनका उपयोग रैन बसेरों के रूप में करें। बता दें कि निष्प्रयोज्य बसों को मोबाइल रैन बसेरों में तब्दील करने का निर्णय 20 मई 2019 को हुई बैठक में लिया गया था और तब देहरादून में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 2 वर्षों से इसकी शुरुआत करने का निश्चय किया गया। इसके लिए देहरादून नगर निगम को दो बसे उपलब्ध कराने के लिए परिवहन निगम को 1.71 लाख रुपए की धनराशि दी गई और अब समिति ने नगर निगम के रवैए को देखते हुए असंतोष व्यक्त किया है और निर्देश दिए कि नगर निगम तुरंत उन बसों को प्राप्त कर मोबाइल रैन बसेरे के रूप में उन स्थानों पर लगाना सुनिश्चित करें जहां सुलभ शौचालय अथवा मोबाइल शौचालय हैं। बता दें कि शहरी विकास सचिव के अनुसार वर्ष 2018 में राज्य में 90 नगर निकाय थे और उस समय इनमें शहरी बेघरों का तृतीय पक्ष सर्वेक्षण कराया गया जिसमें 2202 शहरी बेघर चयनित हुए। इसके लिए दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन और निकायों के वित्तीय संसाधन से 19 रैन बसेरों का निर्माण कराया गया जिसकी क्षमता 1592 है। इनमें अभी भी 5 रैन बसेरे निर्माणाधीन है और बेघरों के लिए आश्रय स्थलों की संख्या कम पड़ रही है। साथ में यह भी बताया गया कि वर्तमान समय में राज्य में नगर निकायों की संख्या 102 हो गई है जिसके बाद समिति ने नवगठित निकायों को अपने क्षेत्र में बेघरों का सर्वेक्षण कराने के निर्देश दिए हैं। बैठक में यह भी बताया गया कि दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन- योजना मार्च 2023 में समाप्त हो जाएगी और नए रैन बसेरा के निर्माण तथा रखरखाव के लिए नगर निकायों को भविष्य में धन की आवश्यकता होगी जिसके लिए वित्त आयोग में इसका प्राविधान किया जाएगा।
