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उत्तराखंड राज्य में आगामी अप्रैल माह में चार धाम की यात्रा शुरू होने जा रही है। जो कि संयुक्त रोटेशन की व्यवस्था के अंतर्गत संचालित होगी। इसमें देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार और कोटद्वार समेत गढ़वाल मंडल के सभी परिवहन कंपनियों और निजी बस संचालक शामिल होंगे और यात्रा के लिए किराया बढ़ाने की सहमति बैठक के दौरान नहीं बनी है। सरकार के द्वारा तय किए गए किराए के अनुसार ही बसों का संचालन किया जाएगा और यात्रियों से अधिक किराया नहीं वसूला जाएगा। इसके अलावा अभी तक धामों की यात्रा के हिसाब से तय बसों की लौट- फेर की समय सीमा भी कम की जाएगी और चार धाम की यात्रा 9 दिन में करने की सहमति बनी है। इसके अलावा तीन धाम की यात्रा 7 दिन, 2 धाम की यात्रा 5 दिन में पूरी होगी तथा एक धाम की यात्रा पूर्ववत 3 दिनों में संपन्न की जाएगी। इसके साथ ही आरटीओ द्वारा बताया गया कि यात्रियों को त्वरित सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मैनुअल ढंग से ग्रीन कार्ड व ट्रिप कार्ड जारी करने की व्यवस्था की जाएगी और इस पर अंतिम निर्णय परिवहन आयुक्त से चर्चा करने के बाद लिया जाएगा। वहीं दूसरी ओर परिवहन कारोबारियों के विरोध के कारण चार धाम यात्रा से लौटने वाली बसों के चालक परिचालकों को 1 दिन का विश्राम नहीं मिल पाएगा इसे लेकर परिवहन कारोबारियों का कहना है कि विश्राम के चलते वाहनों की कमी की समस्या बन जाएगी और यात्रा के चरम काल पर होने पर अव्यवस्था फैल जाएगी। चार धाम यात्रा को लेकर हुई बैठक में यह निर्णय लिए गए हैं।
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