देहरादून। उत्तराखंड राज्य के देहरादून में बीते शनिवार को दून विश्वविद्यालय में आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के समापन सत्र में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी बतौर मुख्य अतिथि आए तथा इस दौरान उन्होंने महिलाओं की भूमिका पर काफी बातें भी कही। उन्होंने कहा कि मां के दम पर हम खुद भी श्रेष्ठ बन सकते हैं और विश्व को भी श्रेष्ठ बना सकते हैं। उन्होंने अपनी बातें अथर्ववेद के श्लोक से शुरू की और कहा कि अन्न देने वाली धरती को मां और जन्म देने वाले मां को धारिणी कहते हैं। अतीत में हम श्रेष्ठ थे तो इसलिए कि तब माताएं विदुषी होती थी। साथ में उन्होंने यह भी बताया कि बीच के कालखंड में हमने बहुत कुछ खोया है क्योंकि 14वीं सदी की भाषा अंग्रेजी थी जिसे बोलने वाले अब श्रेष्ठ हो गए हैं। लेकिन आज फिर से स्थितियां बदल रही है और भारत विश्व नेता बनकर उभर रहा है। विद्यालयों में छात्राओं की श्रेष्ठता प्रतिशत इस बात का संकेत दे रहा है। बता दें कि दून विश्वविद्यालय में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया था जिसका समापन बीते शनिवार को हो चुका है और यहां पर दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल का कहना है कि 2 दिन का विमर्श आंखें खोलने वाला है और आमजन ने इस आयोजन का विजन सामने रखने की बात की। बता दें कि दून विश्वविद्यालय में भारतीय नारी से जुड़े विविध विषयों पर 2 दिनों में 2 विशेष सत्र आयोजित हुए यही नहीं बल्कि इस दौरान ऑफलाइन और ऑनलाइन कुल 62 शोध पत्र भी पढ़े गए तथा प्रोफेसर पुरोहित ने इस आयोजन का समापन किया और एक शोधार्थी के रूप में भी उन्होंने प्रतिभाग किया।
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