उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी में टनल हादसे के दौरान फंसे श्रमिकों ने सुरंग में 17 दिन कुछ खेलों के सहारे बिताए। बता दें कि उत्तराखंड के कोटद्वार निवासी गबर सिंह नेगी 8:30 बजे सुरंग से बाहर निकले और बाहर निकलकर सबसे पहले वह अपने बड़े भाई जयमल सिंह नेगी से मिले जयमल सिंह नेगी का कहना था कि उनके भाई से उनकी यह मुलाकात भरत मिलन से कम नहीं है और इस मिलन का सभी के द्वारा स्वागत किया गया है यह पल उनके लिए सबसे खास है। इसके बाद गबर सिंह नेगी ने अपने बेटे आकाश और पत्नी से भी बात की तथा खुद को सकुशल बताया।
उनके द्वारा बताया गया कि सभी श्रमिकों ने हिम्मत दिखाई जिसके कारण आज सभी स्वस्थ हैं और उन्हें निकालने में जुटे एजेंसियों तथा केंद्र सरकार व राज्य सरकार का भी उन्होंने हृदय से आभार व्यक्त किया। इसके साथ ही श्रमिकों का कहना था कि जब वह सुरंग में कैद थे तो पहले दो दिन तो बहुत अधिक घबराहट हुई जिसके बाद पाइप के जरिए उनकी बात अपने परिवार वालों से होने लगी तो उन्हें थोड़ी हिम्मत मिली और दसवें दिन पहली बार उन्हें पका हुआ खाना मिलने के बाद मन से सारा डर निकल गया और ऐसा लगा कि जैसे एक-दो महीने भी सुरंग के अंदर रहेंगे तो कुछ नहीं होगा। बता दे कि अनिल सबसे पहले सुरंग से बाहर आए और बाहर निकलकर उनके बड़े भाई सुनील ने उनका स्वागत किया। उनके द्वारा बताया गया की सुरंग में वक्त गुजारने के लिए उन्होंने कागज के प्ले कार्ड बनाए थे और उनसे खेलकर ही ज्यादातर वक्त काटा बाकी समय वह साथियों के साथ सुरंग में टहलते रहे और थक जाने पर सोने का प्रयास करते थे। इसके अलावा श्रमिकों द्वारा बताया गया कि वह प्ले कार्ड और चोर सिपाही का खेल खेलते थे ताकि समय बीत जाए इस तरह से श्रमिकों ने प्ले कार्ड खेलते हुए सुरंग में 17 दिन का समय बिताया।