Uttarakhand- राज्य में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत श्रमिकों को साल में नहीं मिल पा रहा है 100 दिन का रोजगार

उत्तराखंड राज्य में श्रमिकों को महात्मा गांधी रोजगार गारंटी अधिनियम के अंतर्गत 1 साल में 100 दिन का रोजगार भी नहीं मिल पा रहा है। इस अधिनियम के अंतर्गत शत-प्रतिशत तो बहुत दूर की बात है 25% पंजीकृत जॉब कार्ड धारकों को भी साल में 100 दिन का काम नहीं मिल पा रहा है। कम मजदूरी तथा मैट्रियल के भुगतान में देरी समेत अन्य सरकारी तिकड़म योजना को पलीता लगा रहे हैं तथा नैनीताल जिले में 2008-09 और 2022 से2023 तक करीब 12000 जॉब कार्ड धारकों को ही साल में 100 दिन का रोजगार मिला है। जानकारी के मुताबिक नैनीताल जिले में 2008 और 2009 में जॉब कार्ड धारकों की संख्या 31,210 थी जो कि वर्तमान में बढ़कर 58,360 पहुंच गई है। मनरेगा में हर वित्तीय वर्ष में काम की संख्या तो बढ़ रही है लेकिन 100 दिन का रोजगार हर जॉब कार्ड धारक को नहीं मिल पा रहा है। डीडीयो गोपाल गिरी गोस्वामी के अनुसार मनरेगा में हर वित्तीय वर्ष में मजदूर व मटेरियल भुगतान में बढ़ोतरी हुई है। वर्तमान समय में कामों की संख्या 6050 पहुंच गई है और मजदूरी का खर्च 1966 लाख से अधिक हो गया है मगर लोगों को मनरेगा में 100 दिन का काम भी नहीं मिल पा रहा है। जानकारी के मुताबिक अब मनरेगा में दो बार उपस्थिति जरूरी हो गई है यानी कि काम कर रहे मजदूर की दिन में दो बार मोबाइल से फोटो खींचकर ऐप में डाउनलोड करने अनिवार्य कर दी गई है।