Uttarakhand- बर्खास्त कर्मचारियों के मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने विधानसभा सचिवालय से मांगा जवाब

उत्तराखंड राज्य में विधानसभा से बर्खास्त कर्मचारियों को लेकर हाईकोर्ट द्वारा इस मामले में सुनवाई की गई और याचिकाकर्ताओं का संशोधन प्रार्थना पत्र स्वीकार करते हुए कोर्ट द्वारा विधानसभा सचिवालय से इस मामले में जवाब मांगा गया है। कोर्ट का कहना है कि 2 सप्ताह में विधानसभा सचिवालय इस मामले में जवाब पेश करें और इस मामले में अगली सुनवाई 31 मार्च को होगी। बता दें कि मामले में सुनवाई करते हुए बीते शनिवार को वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकल पीठ में बर्खास्त कर्मचारियों के बारे में विधानसभा सचिवालय को जवाब देने को कहा गया है। विधानसभा की जांच रिपोर्ट को याचिका में संशोधन प्रार्थना पत्र के माध्यम से चुनौती दी गई है और इसमें कहा गया है कि 2001 से 2015 तक की नियुक्तियां भी अवैध हैं लेकिन 2016 से 2021 तक हुई नियुक्तियां ही जांच में अवैध पाई गई है और इसी आधार पर कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया है। यह उनके साथ भेदभाव हो रहा है जो कि न्याय के विरुद्ध हैं। विधानसभा सचिवालय में कर्मचारियों को 4 वर्षों से कम की सेवा में नियमित नियुक्ति दे दी गई लेकिन 6 वर्ष बाद भी उन्हें नियमित नहीं किया गया तथा अब हटा दिया गया है। पूर्व में उनकी नियुक्ति को 2018 में जनहित याचिका दायर कर चुनौती दी गई थी और कोर्ट ने उसमें उनके हित में आदेश देकर माना था कि उनकी नियुक्ति वैध है लेकिन नियमानुसार 6 माह के नियमित सेवा करने के बाद उन्हें नियमित किया जाना था लेकिन उन्हें काम से बर्खास्त कर दिया गया है और इस मामले में हाई कोर्ट में फिर से याचिका दायर की गई है जिसमें सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने विधानसभा सचिवालय से जवाब पेश करने को कहा है।