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उत्तराखंड राज्य सरकार केंद्र सरकार की तर्ज पर सिंगल यूज प्लास्टिक के निस्तारण पर विशेष जोर दे रही है। उत्तराखंड सरकार इस ओर कदम उठा रही है । शहरों तक सीमित इस मुहिम को अब गांवों तक ले जाने के लिए भी प्रयास हो रहे हैं। इसके लिए प्रथम चरण में 95 विकास खंडों में एक- एक कांपेक्टर मशीन स्थापित की जाएगी। साथ ही प्लास्टिक कचरे के उठान के लिए एक वैन भी पंचायती राज विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी। यही नहीं बल्कि राज्य के जितने भी गांवो से प्लास्टिक कचरा उठेगा उसका निस्तारण हरिद्वार में होगा इसके लिए यहां स्थापित प्लास्टिक रीसाइकलिंग प्लांट को हफ्ते भर के भीतर चालू करने की तैयारी है प्लांट में प्लास्टिक कचरे के दरवाजे चौखट जैसे उत्पाद बनाए जाएंगे। प्रदेश के शहरी क्षेत्रों की स्थिति देखे तो 102 नगर निकायों से प्रतिदिन लगभग 1700 मिट्रिक टन कचरा निकलता है इसमें 10 से 25% तक प्लास्टिक का कचरा होता है और अब इसके लिए शहरों में पृथकीकरण के साथ ही रीसाइक्लिंग हेतु भी कदम उठाए जा रहे हैं। बता दे कि राज्य में प्लास्टिक का कचरा गांव के इर्द-गिर्द जमा हो रहा है तथा नदी- नालों में बह रहा है इसलिए सरकार द्वारा इस मामले में कदम उठाए जा रहे हैं।
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