
देहरादून। उत्तराखंड राज्य में भ्रष्टाचार बेहद ही बढ़ चुका है और अधिकारी इस भ्रष्टाचार के दलदल में डूबे हुए हैं इस बात की जानकारी मिलती है विजिलेंस के आंकड़ों से। जी हां उत्तराखंड राज्य बनने के बाद अभी तक 247 अधिकारियों व कर्मचारियों को विजिलेंस द्वारा सलाखों के पीछे पहुंचाया जा चुका है जिसमें 61 राजपत्रित अधिकारी भी शामिल हैं मगर अभी तक राज्य में जिस प्रकार भ्रष्टाचार बढ़ रहा है उसी प्रकार कार्यवाही में तेजी नहीं आ पाई है। विजिलेंस द्वारा 61 राजपत्रित अधिकारियों को भी जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया गया है और वर्ष 2022 में यह पहला मामला है जब विजिलेंस द्वारा किसी आईएएस को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया हो। अब तक विजिलेंस ने जिन अधिकारियों को जेल भेजा था उनमें राजस्व और वन विभाग के अधिकारी शामिल थे। विजिलेंस ने 234 मामलों में कार्यवाही की और उसमे से 247 को गिरफ्तार किया। भ्रष्टाचार तो बढ़ रहा है मगर कार्यवाही में अभी भी तेजी नहीं आ पाई हैं हालांकि बीते अप्रैल माह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए 1064 हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया था जिसमें काफी शिकायतें भी आई मगर अब तक विजिलेंस केवल 6 भ्रष्टाचारियों को भी गिरफ्तार कर पाई है जबकि इसके तहत विजिलेंस 64 शिकायतों की जांच कर रही हैं मगर अभी तक यह मामला गिरफ्तारी तक नहीं पहुंचा। बता दें कि समाज कल्याण विभाग के तत्कालीन सहायक निदेशक अनेक शर्मा और सहायक निदेशक कांति राम जोशी के खिलाफ भी आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में विजिलेंस द्वारा मुकदमा दर्ज किया गया था मगर अभी तक इन दोनों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है अनेक शर्मा सेवानिवृत्त हो चुके हैं जबकि कांति राम जोशी अभी भी सेवा में है। इसके अलावा भी ऐसे कई लोग हैं जिनके खिलाफ कार्यवाही काफी धीमी हो रही हैं।
