उत्तराखंड राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में गुलदार का आतंक बढ़ता जा रहा है और वन्यजीवों का आतंक थमने के लिए प्रशासन और शासन द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं मगर फिर भी इस मामले में सरकार और प्रशासन नाकाम साबित हो रहे हैं। पौड़ी जनपद के हल्दुखाता क्षेत्र के सात ग्राम सभाओं के 25 गांवो में इन दिनों बाघ के आतंक से अघोषित कर्फ्यू का माहौल बना हुआ है। गांव में सन्नाटा है और ऐसा लग रहा है जैसे वहां कोई रहता ही नहीं है। बाघ की डर से इन ग्राम सभाओं की करीब ढाई हजार की आबादी शाम होते ही घरों में कैद हो जाती है, सूरज ढलने से पहले ही बाजार में सन्नाटा पसर जाता है यही नहीं बल्कि विद्यालय में भी बीते दो दिनों से ताला लटका हुआ है और रात में मवेशियों की आहट से भी लोगों में सिहरन दौड़ जाती है। क्षेत्र में लोग काफी डर से भरी जिंदगी जी रहे हैं पिछले एक सप्ताह से नैनी डांडा प्रखंड के हल्दूखाता क्षेत्र में जनजीवन असामान्य हो गया है 3 अक्टूबर को बाघ ने बेडहाट छोटा गांव निवासी बिगरी देवी को निवाला बना लिया था। वह चारा लेने जंगल गई थी इसके बाद सोमवार को केलधार बैंड पर सड़क किनारे एक बाघ टहलता नजर आया और कार सवार जिन दो युवकों ने बाग को टहलता देखा था उन्होंने इसका वीडियो बनाकर इंटरनेट पर प्रसारित कर दिया जिसके बाद क्षेत्र में हड़कंप का माहौल है। बच्चे भी घर से अकेले निकलने में डर रहे हैं हालांकि बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग द्वारा पिंजरा लगाया गया है मगर अभी तक बाघ पिंजरे में नहीं आ पाया।
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