उत्तराखंड राज्य के कार्बेट टाइगर रिजर्व के उत्तर प्रदेश से लगी दक्षिणी सीमा से एक ऐसा मामला सामने आया है जहां 3 माह पहले रेस्क्यू की गई बाघिन ने अपने नवजात शावकों के शव खा लिए और अब बाघिन का केवल एक ही शावक बचा है जो कि पूरी तरह स्वस्थ है। बता दें कि बाघिन की निगरानी के लिए कैमरे लगा दिए गए हैं और उसे ढेला रेस्क्यू सेंटर में रखा गया है जिसके पिछले हिस्से में तार फसा हुआ है। बीते रविवार को बाघिन ने तीन शावकों को जन्म दिया और बुधवार को एक शावक की मौत हो गई उसके बाद गुरुवार की मध्यरात्रि दूसरे शावक ने दम तोड़ दिया। बाड़े से सुरक्षा की दृष्टि से कर्मचारियों ने शावकों के शव नहीं निकाले तभी बाघिन ने उन दोनों के शव खा लिए। वन्यजीव विशेषज्ञ से सामान्य घटना मान रहे हैं उनका कहना है कि यह घटना असामान्य नहीं है क्योंकि यदि बाघिन को लगता है कि उसके बच्चे कमजोर है तो वह उन्हें मार देती है। यह बाघिन के साथ ही गुलदार की भी प्रवृत्ति है। बाघिन अपने कमजोर बच्चों को इसलिए मार देती है क्योंकि उसे लगता है कि वह जंगल में सरवाइव नहीं कर पाएंगे।
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