आगामी विधानसभा चुनाव में कुछ ही वक्त शेष रह चुका है| जिसके लिए सभी पार्टियों ने कमर कस ली है| चुनाव से पहले सभी राजनीतिक दल किसी ना किसी मुद्दे पर एक दूसरे की टांग खींचते नजर आते रहते हैं| इसी बीच एक ऐसा ही मामला और सामने आ रहा है जिसमें भाजपा कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का अपना-अपना स्टैंड है| यह मामला नए जिले के गठन का है|
अलग राज्य बनने के बाद उत्तराखंड पांचवीं विधानसभा चुनाव के मुहाने पर है| आने वाले दो-तीन सप्ताह के अंदर कभी भी चुनावी कार्यक्रम की घोषणा हो सकती है| जिसके लिए उत्तराखंड की सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है| इस बार आम आदमी पार्टी भी सभी 70 सीटों पर प्रत्याशी खड़े कर रही है| वैसे तो चुनाव से पहले तमाम मुद्दों पर राजनीतिक दल एक दूसरे पर हमला बार होते हैं| लेकिन एक बार फिर अचानक राज्य में जिले के गठन का मुद्दा चुनाव के बीच उछल गया है|
9 नवंबर 2000 को उत्तर प्रदेश से अलग होकर उत्तराखंड राज्य का गठन हुआ| उत्तराखंड राज्य बनने की समय इसमें 13 जिले थे| राज्य के गठन होने के बाद से ही नए जिलों की मांग उठ रही थी| इस मांग को 15 अगस्त 2011 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर तत्कालीन मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने पूरा किया| उन्होंने उत्तराखंड में कोटद्वार, यमुनोत्री, डीडीहाट, रानीखेत को नया जिला बनाने की घोषणा की| लेकिन कुछ दिनों बाद ही निशंक मुख्यमंत्री पद से हट गए तो यह मामला वहीं अटका रह गया| फिर मार्च 2016 में कांग्रेस में पड़ी टूट के बाद किसी तरह सरकार बचा ले गए हरीश रावत ने 2017 में चुनाव से ठीक पहले नए जिले बनाने का पैंतरा चला| 4-5 नहीं रावत ने 9 जिले बनाने की घोषणा की| लेकिन फिर भी इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया| 2017 के चुनाव में कांग्रेस को बुरी तरह हार हो गई| तो यह मामला से लटक गया|
साल 2017 के विधानसभा चुनाव में सत्ता में आई भाजपा ने अब तक तो नए जिले के गठन को लेकर स्पष्ट स्टडी नहीं लिया, लेकिन चुनाव से ठीक पहले पार्टी ने कहा कि नए जिले के गठन के लिए बनाए गए आयोग की रिपोर्ट के आधार पर ही कोई फैसला लिया जाएगा| मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन कौशल दोनों ने एक ही तरह की बात कही|
इसी बीच फिर कांग्रेस ने 9 जिलों के गठन की घोषणा की है| पहली बार चुनावी मैदान में उतर रही आम आदमी पार्टी ने भी मुद्दे को पटका है| आम आदमी पार्टी ने राज्य में 6 नए जिले बनाने की बात कही है| यानी कि कांग्रेस 9 और आम आदमी पार्टी 6 जिले बनाने का दावा कर रही है| जानकारी के मुताबिक भाजपा जिस रिपोर्ट की बात कर रही है उसमें चार जिले के गठन पर मंथन चल रहा है| हालांकि अंतिम निष्कर्ष आने पर संख्या में बदलाव भी हो सकता है| अब यह जनता को तय करना है कि नए जिले बनाने के संबंध में वह किस पर भरोसा करती है|