देहरादून। आगामी 2 अक्टूबर 2022 को रविवार के दिन से आयुष्मान योजना के अंतर्गत मरीजों को मिलने वाले निशुल्क उपचार में कुछ बदलाव होने जा रहे है। बता दें कि मरीज को मिलने वाले निशुल्क उपचार के सत्यापन के बाद ही संबंधित अस्पताल को क्लेम का भुगतान होगा। यह निर्णय राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा लिया गया है । व अब सत्यापन के बाद ही संबंधित अस्पताल को निशुल्क उपचार का क्लेम मिल पाएगा। उत्तराखंड में आयुष्मान योजना को संचालित हुए 4 साल पूरे हो चुके हैं और इस समयावधि में 5,75,000 से अधिक लोगों ने इस योजना का लाभ उठाया है। इस दौरान कुछ लाभार्थियों ने शिकायत कर कहा है कि सूचीबद्ध चिकित्सालय ने उन्हें पूरी तरह से निशुल्क उपचार का लाभ नहीं दिया बल्कि उनसे धनराशि भी ली गई है जोकि आयुष्मान योजना की गाइडलाइन व चिकित्सालय अनुबंध के विरुद्ध है।
बता दें कि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने पिछले दिनों आरोग्य मंथन में शिरकत की। उस दौरान उन्होंने आयुष्मान योजना के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु अधिकारियों को ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए थे। जिसमें उन्होंने यह भी कहा था कि आगामी 2 अक्टूबर 2022 से सत्यापन प्रमाण पत्र यानी कि इलाज पर आए खर्च के बिलों पर हस्ताक्षर लेने के बाद ही अस्पतालों को क्लेम का भुगतान किया जाएगा। इस संबंध में प्राधिकरण द्वारा सूचीबद्ध अस्पतालों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। सत्यापन प्रमाण पत्र में लाभार्थी को यह सत्यापित करना होगा कि चिकित्सालय ने योजना के अंतर्गत उसे पूरी तरह से निशुल्क उपचार दिया है तथा उससे कोई धनराशि नहीं ली गई है तथा ना ही कोई बाहर से दवाई मंगाई गई है। वही दूसरी तरफ अस्पताल को यह सत्यापित करना होगा कि उसने योजना के अंतर्गत मरीज को पूरी तरह से निशुल्क उपचार दिया है और उपचार से संबंधित सभी दस्तावेज मरीज को उपलब्ध करा दिए गए हैं। व मरीज को डिस्चार्ज के बाद आवश्यकता अनुसार 15 दिन की अवधि के लिए निशुल्क दवा भी दे दी गई है। यह सब सत्यापित होने के बाद ही आयुष्मान योजना के अंतर्गत संबंधित अस्पताल को क्लेम भुगतान हो पाएगा।