उत्तराखंड -: श्रमिकों की बेटियों का सामूहिक विवाह कराएगी राज्य सरकार, यहां आयोजित होगा पहला सामूहिक विवाह

अब उत्तराखंड में भी उत्तर प्रदेश की तर्ज पर भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड (बीओसीडब्ल्यू) की ओर से महिला श्रमिक किया उनकी बेटी का सामूहिक विवाह कराया जाएगा|


सबसे पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्वाचन क्षेत्र चंपावत जिले में 11 जोड़ों का सामूहिक विवाह कार्यक्रम का आयोजन जल्द होने वाला है|
बीओसीडब्ल्यू बोर्ड में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की बेटी या महिला श्रमिकों के खुद के विवाह के लिए कन्या विवाह सहायता योजना से 51 हजार की राशि आर्थिक सहायता के रूप में दी जाएगी|


बताते चले कि सामूहिक विवाह का आयोजन करने वाले को 10 हजार रुपए प्रति दर से बोर्ड की ओर से भुगतान किया जाएगा|
वर-वधू की पोशाक के लिए 5 हजार रुपए डीबीटी के माध्यम से श्रमिकों के खातों में डाले जाएंगे|
बोर्ड के गठन के बाद चंपावत जिले में पहला सामूहिक विवाह कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है|
बता दें श्रमिक कार्ड होने पर ही सामूहिक विवाह व कन्या विवाह सहायता योजना के लिए राशि मिलेगी और निर्माण श्रमिकों की बेटी का आधार प्रमाणीकरण योजना के लिए कराया जाना आवश्यक होगा| बेटी व वर की आयु के संबंध में जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल लीविंग प्रमाण पत्र, परिवार रजिस्टर की स्वप्रमाणित प्रति आवश्यक होगी| विवाह कार्ड स्थानीय ग्राम प्रधान, तहसीलदार, सभासद, पार्षद की ओर से प्रमाणित किया जाएगा| गोद ली हुई बेटी के मामले में उससे संबंधित अन्य प्रमाणित अभिलेख अनिवार्य होंगे| लाभार्थी पंजीकृत श्रमिक के कुटुंब रजिस्टर, राशन कार्ड अथवा इसके समतुल्य अभिलेख की स्वप्रमाणित प्रति आवश्यक होगी|