Uttarakhand- गांव में सता रहा भूस्खलन का डर….. अपनी पुश्तैनी घर छोड़ने के लिए मजबूर है ग्रामीण

वर्तमान समय में मानसूनी वर्षा के कारण पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश के कारण भूस्खलन भी हो रहा है जिससे कि लोगों को अपने घर भी छोड़ने पढ़ रहे हैं। बता दें कि उत्तरकाशी के सरनौल गांव के निकट भूस्खलन के सक्रिय होने के कारण 7 परिवारों ने अपने पुश्तैनी मकान छोड़ दिए हैं और अब वे लोग पंचायत घर या फिर गांव के किसी स्कूल में रह रहे हैं। मानसून के दौर में हम सबको अपने घर काफी सुरक्षित महसूस होते हैं यदि बिजली कड़कती है और तेज बारिश होती है तो हम सब अपने घरों के अंदर दुबके रहते हैं मगर सरनौल गांव में भूस्खलन सक्रिय होने के कारण लोग अपने घरों में भी सुरक्षित नहीं हैं बता दें कि भूस्खलन के चलते बीते शनिवार की रात्रि को लोग ठीक से सो भी नहीं पाए और ग्रामीणों ने अपने पुश्तैनी मकान छोड़ दिए व सरकारी स्कूलों तथा पंचायत भवन में शरण ली है।ग्रामीणों द्वारा प्रशासन से मांग की गई है, कि जल्दी से जल्दी विस्थापन हो जिससे वे सुरक्षित स्थानों पर अपने मकान बना सकें। उत्तरकाशी जनपद के नौगांव ब्लॉक के सरनौल के निकट भूस्खलन काफी सक्रिय है जिससे कि पिछले 30 सालों से ग्रामीणों द्वारा प्रशासन से विस्थापन की मांग की जा रही है हालांकि इस संबंध में विस्थापन की प्रक्रिया शुरू भी की गई थी जिसमें कुछ परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया था।भूस्खलन के कारण क्षेत्र में पुश्तैनी मकान भी क्षतिग्रस्त हो रहे हैं और भूस्खलन का निरीक्षण करने के बाद प्रशासन की टीम ने खतरे की जद में आने वाले 7 परिवारों को सलाह दी कि वे अपने मकान खाली कर दें जिसके बाद ग्रामीणों ने खतरे को देखते हुए अपना घर छोड़ सरकारी स्कूल एवं पंचायत घर में शरण ले रखी है।और दुर्भाग्य की बात यह है कि पंचायत घर में रह रहे परिवार वालों ने बताया कि जहां पर वह रह रहे हैं वहां के पंचायत भवन की छत भी टपक रही है।