
उत्तराखंड राज्य में अक्सर चोरी और ठगी के मामले सामने आते रहते हैं। बता दे कि बहुचर्चित रजिस्ट्री घपले में एसआईटी के हत्थे 17वा आरोपित भी चढ़ चुका है उसने रक्षा मंत्रालय को आवंटित 55 बीघा जमीन की फर्जी रजिस्ट्री बनाई और 11 लोगों को बेचने वालों में भी वह शामिल रह। उससे कई अन्य आरोपियों के नाम पता पुलिस की जानकारी में आए हैं और अब अन्य आरोपितों की तलाश भी शुरू कर दी गई है। बता दे कि इस बात का खुलासा एसएसपी अजय सिंह द्वारा गुरुवार को किया गया। उन्होंने कहा कि एआईजी स्टांप संदीप श्रीवास्तव ने पिछले महीने टर्मिनल रोड से सुभाष नगर चौक के मध्य 2500 गज जमीन और माजरा में रक्षा मंत्रालय को आवंटित 55 बीघा जमीन के फर्जी दस्तावेज बनाकर रजिस्ट्री कार्यालय के रिकॉर्ड में बदलाव किए जाने का मुकदमा दर्ज करवाया था। पुलिस ने मामले की जांच की और मामले में हुमायूं परवेज उम्र 50 वर्ष निवासी मोहल्ला काजीसराय दो नगीना बिजनौर का नाम सामने आया जिसे गुरुवार को पकड़ लिया गया है। उसने अपने साथी समीर कामयाब और अन्य की मदद से देव कुमार निवासी सहारनपुर उत्तर प्रदेश के जरिए रजिस्ट्रार कार्यालय के रिकॉर्ड रूम में वर्ष 2016-17 में फर्जी दस्तावेज लगवाए थे इसके बाद यह जमीन 11 लोगों को फर्जी तौर पर बेची गई इस मामले में 3 करोड़ रुपए जे एंड के बैंक के सहारनपुर स्थित शाखा में जमा हुए। माजरा स्थित 55 बीघा जमीन के असली मालिक लाला सरनीमल और मनीराम थे। इस रजिस्ट्री का फर्जी बैनामा 1958 का दर्शाया गया इस बैनामे में जलीलू रहमान और अर्जुन प्रसाद को मलिक बताया गया था जिसके बाद जमीन के सीमांकन हेतु एसडीएम कार्यालय में प्रार्थना पत्र दिया गया और हाई कोर्ट से भी सीमांकन का आदेश जारी कराया गया। तत्कालीन डीएम ने यह जमीन 1958 में अनेकल मंत्रालय के नाम की थी जो आज भी मंत्रालय के कब्जे में है इसी के कारण सीमांकन की कार्यवाही नहीं हो पाई और आरोपी इस जमीन को बेच नहीं पाए तथा इस मामले में पुलिस ने बीते गुरुवार को आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है।
