देहरादून| एक ऐसा मामला सामने आ रहा है जहां एक किराएदार ने अपने मकान मालिक के घर में ही कब्जा कर लिया| दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेवानिवृत्त प्रोफेसर को झांसा देकर किराएदार ने उसके मकान पर कब्जा कर लिया|
सेवानिवृत्त प्रोफेसर ने आरोप लगाया है कि किराएदार ने उनसे लाखों रुपए उधार लिए और बाद में देने से मुकर गया| इस मामले में कोर्ट के आदेश पर पटेल नगर कोतवाली में आरोपित पर मुकदमा दर्ज किया गया है| पुलिस के मुताबिक 24 वर्षीय ज्ञान सिंह संधू निवासी हिमवती ढकोटा रोड क्लेमेनटाउन दिल्ली यूनिवर्सिटी से सेवानिवृत्त है| उनकी दो बेटियां अमेरिका में रहती है| पत्नी और वह दून में साथ रहते हैं| यहां उनका एक मकान माजरा के शक्ति विहार में है| 2009 में उन्होंने अपने यहां किराएदार राहुल कुमार और उसकी पत्नी ममता रानी को किराए पर रहने के लिए दिया था| शुरू से ही दोनों पति पत्नी ने मकान मालिक से नजदीकियां बढ़ानी शुरू कर दी थी| उन्होंने मकान मालिक से अपनी आर्थिक स्थिति दयनीय बताकर लाखों रुपए मांगे| और बाद में देने से मना कर दिया| अगस्त 2018 में राहुल और ममता ने बुजुर्ग दंपति के समक्ष किराए वाले मकान को खरीदने का प्रस्ताव रखा| मकान का सौदा 75 लाख तय हुआ| राहुल ने स्पीडएयर ब्रॉडकास्ट नाम की कंपनी बनाए और उसके नाम पर मकान की खरीद दिखाते हुए अनुबंध पत्र तैयार कराया| अनुबंध पत्र में राहुल ने अग्रिम धनराशि के तौर पर बुजुर्गों को 17 लाख 40 हजार रुपए देना दर्शाया| लेकिन धनराशि दिए बगैर ही उनसे हस्ताक्षर करवा लिए|
इसके बाद 2020 में आरोपित ने बिना बुजुर्ग की अनुमति से मकान की छत पर किसी मोबाइल कंपनी का टावर लगवा दिया| इसी बीच अब 31 अगस्त 2020 को बुजुर्ग अपने मकान पर गए तो राहुल से टावर लगवाने की वजह पूछी इस पर राहुल और ममता मकान को अपना बताने लगे| इस बात का बुजुर्ग ने विरोध किया जिस पर बुजुर्गों को पीटा और जान से मारने की धमकी दी| जिसके बाद बुजुर्ग ने पुलिस कंट्रोल रूम में फोन किया तो आईएसबीटी चौकी में पुलिस मौके पर पहुंची| लेकिन कार्यवाही नहीं की| इसके बाद बुजुर्ग ने आरोपी दंपति पर कार्रवाई के लिए कोर्ट की शरण ली| इसके बाद कोर्ट के आदेश पर राहुल और ममता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया गया है|