Uttarakhand -: इन कक्षाओं के छात्रों को नहीं मिलेगा गृहकार्य, नई शिक्षा नीति के तहत हुआ बदलाव

देहरादून| स्कूलों में महंगी किताबों का बोझ कम करने के साथ ही बस्ते का भार भी हल्का करने की तैयारी की जा रही है| नई शिक्षा नीति के तहत नए पाठ्यक्रम में पहली एवं दूसरी कक्षा के छात्रों को गृहकार्य नहीं दिया जाएगा|


उत्तराखंड शिक्षा विभाग के अनुसार, एनसीईआरटी के साथ मिलकर पहली एवं दूसरी कक्षा के पाठ्यक्रम को इस प्रकार डिजाइन किया जा रहा है कि छात्रों को पुस्तकों को कम से कम पढ़ना पड़े और मौखिक रूप से अधिक से अधिक ज्ञानवर्धक जानकारी मिल सके|
नई शिक्षा नीति में कक्षा 3 के छात्र-छात्राओं को केवल 2 घंटे का गृहकार्य प्रति सप्ताह दिए जाने का प्रावधान है| चौथी एवं पांचवी कक्षा के विद्यार्थियों को पूर्व के पाठ्यक्रम के मुकाबले कम गृहकार्य दिया जाना है| प्राथमिक के छात्र-छात्राओं का पाठ्यक्रम ज्ञानवर्धक, रोचक, आकर्षक, आकृतियों से युक्त, प्राकृतिक वस्तुओं, मानचित्र, कलाकृतियों के आधार पर बनाया जा रहा है|


बताते चलें कि नई शिक्षा नीति के अनुसार विद्यालयी शिक्षा के पाठ्यक्रम में कुछ परिवर्तन किया जा रहा है| जिसके तहत पहली से तीसरी कक्षा तक के गणित व विज्ञान के विषयों को रोचक और सरल बनाया जा रहा है| जिससे छात्रों के मन में गणित और विज्ञान का भय न रहे क्योंकि इन्हीं दोनों विषयों में आगे चलकर ज्यादातर छात्र-छात्राएं कड़ी मेहनत करते हैं और फिर भी अन्य विषयों के मुकाबले इस विषय में कम नंबर प्राप्त कर पाते हैं|
बता दें कि प्रदेश के सरकारी और सहायता प्राप्त अशासकीय विद्यालयों में हर वर्ष निशुल्क पुस्तकें मिलती है, जो इस वर्ष अभी तक नहीं मिली है| पहली से आठवीं कक्षा के छात्र-छात्राओं के लिए मुक्त पुस्तकें 26 अप्रैल से मिलनी शुरू हो जाएंगी| आठवीं कक्षा तक की अधिकतर पुस्तकें प्रकाशित हो गई है| किताबों को ब्लॉक स्तर पर पहुंचाया जा रहा है| जहां से स्कूलों में पहुंचाई जाएंगी|