देहरादून| वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी और महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुशीला बलूनी का मंगलवार शाम 6:00 बजे 84 वर्ष की आयु में निधन हो गया| घर पर अचानक तबीयत बिगड़ने पर परिजन उन्हें इलाज के लिए मैक्स अस्पताल ले गए थे, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली|
बता दें कि वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी सुशीला बलूनी पिछले 3 साल से अस्वस्थ चल रही थी| उनके 3 पुत्र और एक बेटी है|
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल और वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी रविंद्र जुगराल सहित कई गणमान्य लोगों ने उनके निधन पर शोक जताया है|
वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी सुशीला बलूनी उत्तराखंड पृथक राज्य निर्माण आंदोलन में अहम भूमिका में रही| उन्होंने देहरादून मेयर का चुनाव भी लड़ा और त्रिकोणीय संघर्ष में बहुत अच्छे वोट हासिल किए, लेकिन चुनाव नहीं जीत पाई| बाद में वह भाजपा में शामिल हो गई| वह उत्तराखंड आंदोलनकारी सम्मान परिषद की अध्यक्ष और उत्तराखंड महिला आयोग की अध्यक्ष भी रही| उनकी छवि एक संघर्षशील, जुझारू, इमानदार महिला नेत्री के रूप में रही, उन्हें उत्तराखंड में ताईजी के रूप में भी जाना जाता है|