
स्थान: राजकीय महाविद्यालय भत्रोंजखान सभागार
समय: प्रातः 10:00 बजे
मार्गदर्शन: प्राचार्य प्रो पुष्पेश कुमार पांडेय एवम डॉ अजय कुमार
नोडल कार्यक्रम अधिकारी: डॉ केतकी तारा कुमैय्यां
अध्यक्षता: डॉ अलका कोली
अन्य: डॉ पूनम,सुनीता भट्ट भूपेन्द्र, सुनील, गिरीश, रोहित, ललित
छात्र छात्राएं : छात्र संघ अध्यक्ष धर्मेंद्र गिरी, ज्योति,कामिनी,कविता ,बाली लकी मोहित जगमोहन, प्रवेश, कृष्णा, नीरज, गीता, ममता, तनुजा,रिया, शीतल, दीपिका,किरण ,गीता
राज्य के सर्वांगीण विकास हेतु शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवम दैण है जै मां सरस्वती के हृदयंगम गीत से हुआ, उत्तराखंड की परंपरागत शैली में आव भगत कर अतिथियों को नाक से ऊपर तक तिलक लगाया गया। तत्पशचात नोडल डॉ केतकी तारा कुमैय्यां द्वारा सभी को राज्य रजत जयंती हेतु शुभकामनाएं दी एवम इसी रजत वर्ष में महाविद्यालय निर्माण को मूर्त रूप देने का संकल्प लेने के लिए भी प्रेरित किया गया।अपनी बात आगे रखते हुए विकसित भारत संकल्प में उत्तराखंड एक महत्वपूर्ण स्तंभ है एवम आने वाली सदी में इसका कोई सानी नहीं होगा। इसी क्रम में डॉ अलका द्वारा सभी को लोक संस्कृति, लोक कलाकारों एवम उत्तराखंडी आंदोलनकारियों की जानकारी साझा की गई। वही डॉ पूनम द्वारा सभी को संस्कृति एवं सभ्यता का वाहक होने के नाते अपने दायित्वों की पूर्ति के लिए सजग किया गया। इसी क्रम में भूपेन्द्र द्वारा उत्तराखंड के पौराणिक इतिहास की जानकारी देते हुए सभी को पालयनवादी मानसिकता को त्याग कर देशहित, राज्यहित एवम क्षेत्रही में कार्य करने हेतु प्रेरित किया गया।
प्रस्तुतियो में
छात्र संघ अध्यक्ष धर्मेंद्र गिरी द्वारा उत्तराखंड की स्थापना से लेकर वर्तमान चुनौतियों से रूबरू करवाया गया। छात्रा शीतल द्वारा सभी को उत्तराखंड बधाई दिवस के साथ साथ उत्तराखंड की वीरांगनाओं के बारे में जानकारी दी गई। इसी क्रम में छात्र मोहित ने उत्तराखंड दिवस पर कुमाऊनी भाषा में भाषण देते हुए कुमाऊनी भाषा को 8वी अनुसूची में शामिल करने हेतु हुंकार लगाई।
एपन की रचनात्मक प्रस्तुतियां तनुजा ,शीतल पंत एवम दीपिका पंत द्वारा की गई।
रंगारंग कार्यक्रमों में गीता, रिया, तनुजा,कविता, कामिनी, द्वारा सुंदर एकल, युगल मनमोहक नृत्य प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम का समापन उत्तराखंड के शगुन नृत्य झोड़ा से किया गया जिसमे उत्तराखंड के चहुमुखी विकास की मंगलकामना की गई।


