उत्तराखंड -: सामने आया 39 लाख का घोटाला, पढ़े पूरी खबर

देहरादून| हरे पेड़ों को काटे जाने और निर्माण के नाम पर सरकारी धन को ठिकाने लगाने के कई मामले सामने आ रहे हैं| इसमें विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं| गोविंद वन्य जीव विहार एवं राष्ट्रीय पार्क पुरोला के तहत तीन रेंज सुपिन, रूपिन और सांकरी रेंज आती है| यहां बीते कुछ वर्षों में वन विभाग के अधिकारियों ने मिली भगत कर सरकारी धन की बंदरबांट की है|


यहां शिकायत के बाद तत्कालीन उपनिदेशक डीपी बलूनी की ओर से पार्क के क्षेत्र की सुपिन रेंज में कराए गए कामों की जांच में बड़े पैमाने पर अनियमिताएं सामने आई है|
बता दें, इसमें कुल 38 लाख 77 हजार रुपए के नौ कामों में हेरफेर की बात सामने आई थी| मामला वर्ष 2021 का है| इस दौरान कोमल सिंह उपनिदेशक को पर तैनात थे, जो इसी साल 30 सितंबर को रिटायर हो चुके हैं|

उसके बाद डीपी बलूनी की उपनिदेशक पद तैनाती हुई, तो उन्होंने विभिन्न कार्यों की जांच के लिए एक टीम का गठन किया| जिसकी ओर से रिपोर्ट में स्पष्ट तौर पर अंकित किया गया था कि संबंधित सुपिन रेंज में 60% कार्यों की जांच की गई है| जांच में पाया गया कि अधिकतर कार्य हुए ही नहीं जबकि, संबंधित ठेकेदार को उनका पूरा भुगतान कर दिया गया|
बलूनी की ओर से पूरे मामले की जांच रिपोर्ट तत्कालीन वन संरक्षण वन राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक डीके सिंह को सौंप गई थी|


जानकारी के मुताबिक डीके सिंह ने इस मामले में स्पेशल ऑडिट कराए जाने के निर्देश दिए थे, लेकिन उसके बाद ऑडिट हुआ ही नहीं|