देहरादून। बीते शुक्रवार की रात को हो रही बारिश के कारण आई आपदा को आज 3 दिन हो गए हैं मगर अभी भी देहरादून की बांदल घाटी में लोगों को आपदा से राहत नहीं मिली हालांकि प्रशासन द्वारा उनके लिए कच्चा और पक्का राशन भेजा जा रहा है मगर फिर भी अभी तक 3 दिन बीत जाने के बाद भी लोगों को उनके खोए हुए अपने नहीं मिल पाए हैं कई लोगों के घरों में चूल्हा नहीं जला है।
आपदा प्रभावित क्षेत्र में जिला प्रशासन, एसडीआरएफ, एनडीआरएस द्वारा पका हुआ भोजन और कच्चा राशन मोहिया कराया जा रहा है।आज दिनांक 22 अगस्त 2022 को सोमवार के दिन मालदेवता के लालपुर पर पीपीसीएल- सरखेत , घंतू की सेर, सरकि गांव के प्रभावित परिवारों को कच्चा राशन ,एलपीजी गैस चूल्हा, पीने का पानी आदि दिया गया।आज सोमवार की सुबह आपदा से सर्वाधिक प्रभावित देहरादून के घंतू की सेर गांव में जेसीबी व पोकलैंड पहुंचे।
बता दें कि उस गांव में एक ऐसा घर है जो कि अभी तक टनो मलबे के नीचे दबा हुआ है और यहां पर एसडीआरएफ तथा एनडीआरएफ की टीम द्वारा पांच लोगों की तलाश की जा रही है हालांकि मशीनें आने से खुदाई का काम तेजी से होने लग गया है। एक भवन के मलबे में यही के निवासी रमेश सिंह के 16 वर्षीय बेटा विशाल व चचेरा भाई जगमोहन के दबे होने की आशंका जताई जा रही है। यह दोनों ही बादल फटने के बाद से गायब हैं।
पूरे परिवार का हाल बेहाल है और जगमोहन की 29 वर्षीय पत्नी सपना का कहना है कि उसके पति जीवित होंगे जो कि परिवार के पास जरूर आएंगे। बता दें कि आज सोमवार को भी बांदल क्षेत्र में हल्की बारिश हुई।