उत्तराखंड में अब एकाकी रहने वाले बुजुर्गों के घर जल्द ही पुलिस के सीसीटीवी कैमरों की जद में होंगे|
डीजीपी ने इसके लिए विभिन्न फंड का सहारा लेकर कैमरे लगवाने के निर्देश दिए हैं| इसके साथ ही पुलिस महीने में दो बार घर जाकर बुजुर्गों की हालचाल जानेंगी| इन बुजुर्गों को पुलिस ऐप के माध्यम से भी जागरूक किया जाएगा| पुलिस एप पर मौजूद एसओएस इमरजेंसी बटन का इस्तेमाल भी बुजुर्गों को सिखाया जाएगा| सुरक्षा के इंतजामों की समीक्षा हर माह पुलिस मुख्यालय स्तर पर की जाएगी| लापरवाही पर संबंधित जिम्मेदार अधिकारी, कर्मचारी के खिलाफ कार्यवाही होगी|
बीते 2 माह में अकेली रहने वाली दो बुजुर्ग महिलाओं की हत्या के बाद पुलिस ने अब उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह योजना तैयार की है| इसके लिए बीते दिवस पुलिस मुख्यालय में बैठक आयोजित की गई|
इस दौरान डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि उत्तराखंड में पुलिस ने 1067 बुजुर्गों को चिन्हित किया है| इसके अलावा 2398 बुजुर्गों ने खुद से पुलिस ऐप पर रजिस्ट्रेशन किया है| सभी जिलों को इस सूची को अपडेट करने के निर्देश दिए गए|
डीजीपी ने कहा कि पुलिस कंपनियों से मिलने वाले सीएसआर फंड या किसी अन्य फंड से बुजुर्गों के घर के आस-पास सीसीटीवी का जाल बिछाया जाएगा| इन्हें समय-समय पर चेक किया जाएगा| यदि घर के बाहर कोई भी संदिग्ध गतिविधि दिखाई देती है तो इस पर तत्काल कार्यवाही की जाएगी| कहा कि थाना पुलिस बुजुर्गों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी| इसके लिए उनके आस-पड़ोस में रहने वाले किसी सामाजिक कार्यकर्ता को जिम्मेदारी दी जाएगी ताकि समय-समय पर बुजुर्गों की निगरानी कर पुलिस को सूचना दे सकें| साथ ही सीनियर सिटीजन सेल का डीएसपी महिला सेल को नोडल अफसर बनाया जाएगा|
बता दें कि सुरक्षा से संबंधित सभी बिंदुओं को शामिल करते हुए एक विस्तृत प्रारूप तैयार किया जाएगा| इसके आधार पर संपत्ति या अन्य किसी विवाद होने के संबंध में वरिष्ठ नागरिकों की काउंसलिंग कर सहायता की जाएगी|