देहरादून| अब आयुष्मान कार्डधारक मरीजों को सूचीबद्ध अस्पतालों में इलाज के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा| सामान्य स्थिति में भर्ती होने वाले मरीजों के उपचार के लिए राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से औसतन 35 मिनट में अनुमति दी जाएगी|
दरअसल, योजना में सूचीबद्ध अस्पतालों को कार्डधारक मरीजों का इलाज शुरू करने से पहले प्राधिकरण से अनुमति लेनी पड़ती है|
बता दें आयुष्मान भारत और राज्य आयुष्मान योजना के तहत कार्डधारकों को सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में पांच लाख तक निशुल्क इलाज की सुविधा मिलती है| राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने कार्डधारक मरीजों के उपचार के लिए अस्पतालों को अनुमति देनी होती है इसके लिए प्राधिकरण ने इमरजेंसी केस में 4 घंटे और सामान्य स्थिति में 2 घंटे के भीतर अनुमति के लिए समयसीमा रखी है| इन अस्पतालों को मरीज की जांच रिपोर्ट भी देनी होती है| कई बार अस्पताल अनुमति को लेकर मरीजों का समय पर इलाज शुरू नहीं करते हैं|
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष डीके कोटिया के मुताबिक, आयुष्मान कार्ड पर मरीजों के इलाज में पारदर्शिता के लिए अनुमति देने की व्यवस्था रखी है| सामान्य स्थिति में अस्पतालों को 4 घंटे के भीतर अनुमति देनी होती है| प्राधिकरण की ओर से औसतन 35 मिनट में अनुमति देने की व्यवस्था की जा रही है| जिससे मरीजों के इलाज में देरी न हो सके साथ ही मरीजों की जांच रिपोर्ट अपलोड करने में छूट दी है| अस्पताल क्लेम के साथ जांच रिपोर्ट दे सकते हैं|