
उत्तराखंड राज्य के देहरादून में नाइजीरियन व्यक्ति बिना किसी पासपोर्ट व वीजा के धर्म परिवर्तन कर रह रहा था। बता दें कि यह व्यक्ति देहरादून के प्रेमनगर में निवास कर रहा था जिसे अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय संजय सिंह की अदालत ने 6 वर्ष की सजा सुनाई है। इसके अलावा दोषी पाए गए नाइजीरियन व्यक्ति पर ₹15000 का जुर्माना भी लगा दिया गया है और यदि व्यक्ति ने जुर्माना अदा नहीं किया तो उसे 2 महीने के लिए अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी। बता दें कि सहायक अभियोजन अधिकारी सोमिका अधिकारी द्वारा इस मामले में जानकारी देते हुए कहा गया है कि कैंट कोतवाली पुलिस भारतीय सैन्य अकादमी में पासिंग आउट परेड की सुरक्षा को लेकर सत्यापन अभियान चलाया गया और इसी सत्यापन अभियान के दौरान केहरी गांव में भी अभियान चला और उसी दौरान गांव में यह व्यक्ति संदिग्ध दिखाई दिया। जिसकी सूचना कार्यालय में एलआईयू के कर्मचारी राममूर्ति सिंह द्वारा दी गई तथा सूचना मिलते ही विदेशी शाखा प्रभारी एसआई बृजमोहन सिंह गुसाईं व एसआई लक्ष्मण सिंह मौके पर पहुंच गए तथा संदिग्ध पाए गए व्यक्ति से पूछताछ की। पूछताछ के दौरान उसने खुद को नाइजीरियन बताया।
पूछताछ के दौरान उसने अपना नाम एलविस सिंबो टटोंगा बताया। इसके अलावा उसने यह भी कहा कि वर्ष 2007 में उसने नंदा की चौकी निवासी मधु क्षेत्री से कोर्ट मैरिज की थी और उसी दौरान कोर्ट में ईसाई से हिंदू धर्म परिवर्तन का शपथ पत्र भी दिया था तथा नाइजीरियन व्यक्ति वीजा की कॉपी और पासपोर्ट भी पुलिस को नहीं दिखा पाया। बता दें कि नाइजीरियन व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा वर्ष 2010 में दर्ज किया गया था जिसके बाद अब जाकर 2022 में उसे दोषी मानते हुए सजा सुनाई गई है। सजा देते हुए उसे 6 वर्ष की कैद और ₹15000 का जुर्माना भरने को कहा गया है। इसके अलावा जैसे ही दोषी की सजा पूरी हो जाएगी उसे उसके देश में छोड़ने के आदेश भी दे दिए गए हैं।
