उत्तराखंड में 7000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर तैनात हजारों शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर सामने आ रही है|
बता दें, अब उनकी 1 साल की सेवा 2 साल दुर्गम क्षेत्र में की गई सेवा मानी जाएगी|
दरअसल, प्रदेश में शिक्षकों और कर्मचारियों के तबादलों में पारदर्शिता के लिए तबादला एक्ट लागू किया गया है|
जिसके तहत 7000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर तैनात शिक्षकों और कर्मचारियों की एक साल की सेवा 2 साल दुर्गम मानी जानी चाहिए थी, लेकिन एक्ट में लिपिकीय गलती की वजह से विभिन्न विभागों में कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा था| एक्ट में हुई गलती को ठीक किए बिना कार्मिक विभाग ने पिछले महीने संबंध में शासनादेश जारी कर दिया| जिसमें कहा गया की 7000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर तैनात कर्मियों की 1 साल की सेवा 2 साल की सुगम सेवा के समान मानी जाएगी| जिससे कर्मियों में असमंजस्य बना था| इस शासनादेश पर अमल होता तो आती दुर्गम क्षेत्र में कार्यरत कर्मी पहाड़ से नहीं उतर पाते| अब शासन ने नया आदेश जारी किया है|
जिसमें कहा गया है कि यदि कार्मिक 7 हजार फिट से अधिक ऊंचाई के दुर्गम स्थान पर तैनात है तो उनकी दुर्गम में की गई सेवा की अवधि दोगुनी जोड़ी जाएगी| उनकी 5 साल दुर्गम क्षेत्र में की गई सेवा को 10 साल दुर्गम क्षेत्र में की गई सेवा के समान माना जाएगा, जो कर्मचारी 7000 फीट से कम की ऊंचाई के दुर्गम स्थान में तैनात है उनकी दुर्गम में की गई एक साल की सेवा एक साल 3 महीने दुर्गम में की गई सेवा मानी जाएगी|
अपर सचिव कार्मिक ललित मोहन रयाल ने जारी आदेश में कहा है कि इन कर्मचारियों की 8 साल की दुर्गम की सेवा 10 साल की दुर्गम सेवा के समान मानी जाएगी|