Uttarakhand- युवती से दुष्कर्म के मामले में मां और आरोपी साधु गिरफ्तार

हरिद्वार। स्वामित्व पाने की लालसा में इंसान क्या कुछ नहीं करता कभी-कभी तो स्वामित्व का लालच मां की ममता पर भी भारी पड़ जाता है। एक ऐसा ही मामला हरिद्वार से सामने आया है जहां पर असोम की युवती के साथ एक साधु ने दुष्कर्म किया। पुलिस ने इस मामले में युवती की मां और आरोपी साधु को गिरफ्तार कर लिया है। दरअसल युवती की मां ने आश्रम का स्वामित्व मिलने के लालच में कोतवाली पुलिस में झूठा मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में पुलिस ने बताया कि असोम निवासी एक साध्वी ने असोम में तहरीर देते हुए एक आध्यात्मिक संस्था जो कि शास्त्री नगर गाजियाबाद उत्तर प्रदेश में है उन पर झूठा दुष्कर्म का आरोप लगाया और जब मां की तहरीर पर पुलिस ने छानबीन की तो कुछ और ही कहानी सामने आई।असम पुलिस ने यह मामला हरिद्वार में ट्रांसफर कर दिया और हरिद्वार पुलिस ने मामले की छानबीन की छानबीन के दौरान पुलिस ने शास्त्री नगर गाजियाबाद निवासी मिथिलेश शुक्ला और राजेश शुक्ला से संपर्क किया जिसके बाद पुलिस के सामने इस मामले का एक नया पहलू आया। जिसके बाद पुलिस युवती को हरिद्वार लाई और यहां कोर्ट में युवती के बयान कराएं तब पता चला कि युवती के साथ दुष्कर्म संस्था के लोगों ने नहीं बल्कि किसी साधु ने किया है।

दरअसल बात यह है कि युवती अपनी मां नारायणी देवी उर्फ बोंटी डेका के साथ सुभाष नगर गली नंबर 5 निकट शंकर आश्रम ज्वालापुर में रह रही थी और उसकी मां का कृष्ण मुरारी निवासी श्री वृंदावन धाम रानीगली भूपतवाला के यहां आना जाना था तथा वह अपनी बेटी को भी अपने साथ आश्रम में लेकर जाती थी जब वह आश्रम में ठहरते थे तो उसी दौरान आरोपी साधु युवती से दुष्कर्म किया करता था। जब बेटी ने इस बारे में मां को बताया तो उसने चुप रहने की नसीहत दी इस बात का विरोध जब बेटी ने किया तो मां ने बेटी को शास्त्री नगर गाजियाबाद में एक आध्यात्मिक संस्था के यहां भेज दिया और आध्यात्मिक संस्था के पदाधिकारियों ने इस मामले को उजागर करने का प्रयास किया तब पीड़िता की मां ने असोम पहुंचकर उन्हीं पर झूठा मुकदमा दर्ज करवा दिया। युवती की मां ने साधु के खिलाफ इसलिए कुछ नहीं किया क्योंकि उसे लगता था कि साधु उसे अपना आश्रम सौंप देगा और इस स्वामित्व की चाह में उसने अपनी बेटी के साथ दुष्कर्म का विरोध नहीं किया जिसके बाद यह मामला सामने आया तो पुलिस ने युवती की मां और साधु दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।