
उत्तराखंड राज्य में कई खड़िया खदान ऐसे हैं जिन्होंने अपने यहां कार्यरत मजदूरों का पंजीकरण भविष्य निधि में नहीं कराया है और इस तरह के खदानों पर श्रम मंत्रालय ने अपनी नजर बनाई हुई है। मजदूरों का भविष्य निधि में पंजीकरण न करने पर चार खड़िया खदानों को श्रम मंत्रालय द्वारा नोटिस जारी किया गया है और इससे खनन कार्य करने वालों में हड़कंप का माहौल है। बीते सोमवार को नगर पालिका परिसर पर आयोजित शिविर में पवर्तन अधिकारी अमित सिंह ने बताया कि श्रम मंत्रालय के गैजेट नोटिफिकेशन 1955 और 21 जून 1975 के तहत सभी खड़िया खदानों का पंजीकरण कर्मचारी भविष्य निधि अधिनियम 1952 में होना अनिवार्य है और इसका उद्देश्य उद्योग में लगे नियमित और ठेका कर्मियों को अनिवार्य रूप से भविष्य निधि पेंशन तथा बीमा प्रदान करना है उन्होंने कहा कि जिले में चल रहे खड़िया खदानों में भविष्य निधि अधिनियम के तहत पंजीकरण नहीं कराया है और इस सामाजिक सुरक्षा से कर्मचारियों को वंचित रखा जा रहा है इसीलिए श्रम मंत्रालय ने चार खड़िया खदानों को इस संबंध में नोटिस भेजा है।
