
उत्तराखंड राज्य में एक बार फिर से लंपी वायरस तबाही मचा रहा है। बता दें कि राज्य के बागेश्वर जिले में पशु इस वायरस से पीड़ित है। जिले में गोवंशियों में लंपी वायरस काफी तेजी से फैल रहा है और पशुपालन विभाग भी इसकी रोकथाम के लिए गांव में डटा हुआ है। वर्तमान समय में 807 पशु इस वायरस से पीड़ित हैं। हालांकि अभी तक इस वायरस से किसी पशु की मृत्यु नहीं हुई है। कपकोट में सबसे अधिक गोवंश पशु इस वायरस की चपेट में है। उसके बाद बागेश्वर और तीसरे नंबर पर गरुण में यह वायरस फैल रहा है। 807 पशु इस वायरस से पीड़ित हैं जिन पर पशु चिकित्सक अपनी नजर रखे हुए हैं। राहत की बात यह है कि 127 पशु उपचार के बाद स्वस्थ हो गए हैं। इस वायरस को लेकर मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी आर चंद्रा द्वारा बताया गया कि कुमाऊं के पर्वतीय जिलों में वायरस का प्रकोप है और यह बीमारी एक वायरस से फैलती है जिसमें पशुओं के शरीर में दाने उभरते हैं तथा उन्हें बुखार भी आता है। इस वायरस का भी कोरोना की तरह कोई उपचार नहीं है यह वायरल बीमारी है। हालांकि एंटीबायोटिक, दर्द निवारक और एंटीसेप्टिक लोशन और क्रीम आदि से इसका उपचार किया जा सकता है तथा पशु ठीक हो सकते हैं। हालांकि इस मामले में लापरवाही बरती गई तो पशुओं की मृत्यु भी हो सकती है फिलहाल जिले में सैकड़ों पशु इस बीमारी से पीड़ित हैं।
