
देहरादून। देश के सैन्य इतिहास में हमेशा से ही उत्तराखंड के वीरों का नाम आगे रहता है उत्तराखंड को हमेशा वीर भूमि कहा जाता है क्योंकि यहां के हर गांव से कोई ना कोई बेटा सेना में जवान है और उत्तराखंड के सैनिकों की वीर गाथा ना सिर्फ भारत बल्कि विश्व में भी प्रसिद्ध है उत्तराखंड के लोकगीतों में भी यहां के सैनिकों का जिक्र मिलता है। बता दें कि 26 जुलाई को मनाये जाने वाले कारगिल विजय दिवस में उत्तराखंड के सैनिकों का बहुत बड़ा योगदान है। कारगिल युद्ध के दौरान उत्तराखंड के 75 सैनिकों ने अपने प्राण न्योछावर किए थे। और अभी तक ऐसा कोई पदक नहीं हे जोकि उत्तराखंड के जवानों को ना मिला हो। उत्तराखंड का सीना चौड़ा करने के लिए यहां का सैन्य इतिहास काफी है और आने वाले समय में भी देव भूमि उत्तराखंड के वीर सपूत हमेशा देश के लिए आगे रहेंगे। वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध के समय भारतीय सेना ने पड़ोसियों के दांत खट्टे किए थे और इसलिए हम हर वर्ष योद्धाओं की बहादुरी का स्मरण करने व बलिदानी यों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाते हैं। कारगिल में भारतीय सेना के 526 जवानों ने बलिदान किया था जिसमें 75 जवान उत्तराखंड के थे।
