
देहरादून| राज्य आंदोलनकारियों व उनके आश्रितों को राजकीय सेवा में 10% क्षैतिज आरक्षण देने संबंधित फाइल को न्याय विभाग ने आपत्तियों के साथ लौटा दिया है| न्याय विभाग के रुख से आशंकित राज्य आंदोलनकारी कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगने की उम्मीद जता रहे हैं| 21 नवंबर को प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक होनी है|
बताते चलें कि क्षैतिज आरक्षण देने के लिए सरकार तीन विकल्पों पर विचार कर रही है| जिसमें पहला विकल्प फिर से विधेयक लाना है और दूसरा विकल्प अध्यादेश का और तीसरा विकल्प पर अधिसूचना जारी करने के संबंध में है|
मिली जानकारी के अनुसार न्याय विभाग ने फाइल लौटा दी है| प्रस्ताव पर न्याय विभाग की सहमति नहीं है| उसने आपत्ति के साथ फाइल कार्मिक को भेजी है|
वहीं, क्षैतिज आरक्षण को बहाल करने के लिए सरकार पर लगातार दबाव बना रहे राज्य आंदोलनकारी आशंकित हैं| वे उम्मीद कर रहे हैं कि 21 नवंबर को प्रस्तावित प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार राज्य आंदोलनकारियों के क्षैतिज आरक्षण के मामले में फैसला ले| अधिकारियों का एक बड़ा वर्ग तत्कालीन राहत के लिए अधिसूचना जारी करने की मांग कर रहा है|
