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उत्तराखण्ड राज्य में स्थित जोशीमठ के रोपवे की जांच की जाएगी। बता दे कि भूस्खलन का दंश झेल रहे जोशीमठ से विश्व प्रसिद्ध हिम क्रीड़ा केंद्र औली को जोड़ने वाले रोपवे का संचालन कितना सुरक्षित है और कितना नहीं इसकी जांच की जाएगी और इस मामले में उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद को शासन द्वारा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। जोशीमठ में आपदा के बाद इस वर्ष जनवरी की शुरुआत में रोपवे का संचालन बंद कर दिया गया था और तीन टावरों के नजदीक भी भूस्खलन हुआ है। जोशीमठ शहर ना केवल हिम क्रीड़ा केंद्रों को जोड़ता है बल्कि यह बद्रीनाथ धाम के मुख्य पड़ाव के रूप में कार्य करता है। बीते जनवरी माह में जोशीमठ में भूस्खलन का सिलसिला शुरू हुआ और इस क्षेत्र को आपदा ग्रस्त घोषित कर दिया गया जिसके बाद अब यहां के रोपवे की जांच की जाएगी। जानकारी के मुताबिक 4.15 किलोमीटर रोपवे में जोशीमठ से लेकर औली तक दस टावर बने हुए हैं जिसमें से टावर संख्या 1 और 2 जोशीमठ के मनोहर बाग और टावर संख्या 3 सुनील में है। यह दोनों ही क्षेत्र आपदा प्रभावित हिस्से में है। इसे देखते हुए प्रशासन ने बीते 4 जनवरी को रोपवे का संचालन बंद कर दिया था और अब इस मामले में गहनता से जांच की जाएगी जिसके लिए शासन द्वारा उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद को पत्र भेजकर निर्देश दिए गए हैं।
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