उत्तराखंड राज्य में बारिश ना होना बर्फबारी का ना होना और सूखी ठंड से हाल बेहाल होना यह सब बढ़ते प्रदूषण के कारण हो रहा है।
बता दे कि मौसम वैज्ञानियों ने कड़ाके की ठंड और बर्फबारी ना होने का कारण मैदानी क्षेत्रों में बढ़ते प्रदूषण को बताया है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि मैदानी इलाकों में बढ़ता प्रदूषण कड़ाके की ठंड का कारण है और यही कारण है कि बर्फबारी भी नहीं हो रही है। आने वाले दिनों में सूखी ठंड बरकरार रहेगी और बर्फबारी की कोई संभावना नहीं है। आर्यभट्ट परीक्षण विज्ञान शोध संस्थान के वरिष्ठ वायुमंडलीय वैज्ञानिक डॉक्टर नरेंद्र सिंह के अनुसार इस बार मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिला है जिसका कारण अल नीनो और दूसरा वायु प्रदूषण है अल नीनो का चक्र साढे तीन से 5 वर्ष का होता है और मौसम पर इसका असर साल भर तक रहता है। हिमपात ना होने के कारण तापमान पर इसका असर पड़ रहा है।इस बार नैनीताल और मुक्तेश्वर जैसे ऊंचाई वाले पर्वतीय क्षेत्रों में भी बर्फबारी नहीं हुई और बारिश तो पूरे राज्य में देखने को ही नहीं मिली जिसके कारण कड़ाके की ठंड पड़ रही है और इस सूखी ठंड से जानलेवा बीमारियां भी हो सकती है। बढ़ता प्रदूषण इन सबका कारण है और फिलहाल आगामी कुछ समय तक बारिश और बर्फबारी की संभावना नहीं है।