उत्तराखंड राज्य में विद्यार्थियों के साथ किसी भी प्रकार के दुर्व्यवहार को रोकने और विद्यार्थियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए स्कूली वाहन चालकों का चरित्र सत्यापन किया जाएगा। बता दे कि स्कूल के वाहनों में बच्चों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं और इसी को संज्ञान में लेते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिव परिवहन और पुलिस महानिदेशक को मामले में कार्यवाही के निर्देश दिए हैं दूर शहर के डालनवाला में स्कूल वैन में बच्चों के साथ चालक द्वारा यौन उत्पीड़न की घटना के बाद मुख्यमंत्री ने पूरे प्रदेश में स्कूल वाहन चालकों व परिचालकों के सत्यापन हेतु निर्देश जारी किए हैं। बता दे कि आगामी 10 अक्टूबर से पहले चरण में दून शहर में स्कूल वाहन चालकों का परेड ग्राउंड में सत्यापन किया जाएगा। चालको तथा परिचालकों का आपराधिक इतिहास खगलने और उनके चरित्र सत्यापन से संबंधित सारी जिम्मेदारी पुलिस की होगी और छात्र-छात्राओं की सुरक्षा तथा परिवहन सुविधा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन का ख्याल अनिवार्य रूप से रखने के लिए कहा गया है। मुख्यमंत्री के अनुसार जो भी इस गाइडलाइन की अनदेखी करेगा उसके विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी और बच्चों को लाने तथा ले जाने वाले वाहन चालकों के लिए 14 नियम बनाए गए हैं जिनमें एक नियम काफी आवश्यक है वह है वाहन चालकों के पास 5 वर्ष का अनुभव होना अनिवार्य है।
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