उत्तराखंड राज्य के एम्स ऋषिकेश में नौकरी के नाम पर बेरोजगार युवाओं से ठगी का मामला सामने आया है। बता दें कि एम्स ऋषिकेश में नौकरी दिलाने के नाम पर कई बेरोजगारों से 36,000,00 रुपए की ठगी की गई है। इस ठगी के मामले में चार आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने मामला भी दर्ज कर दिया है। बता दें कि ठगों ने बेरोजगारों को फर्जी नियुक्ति पत्र भी दे दिए तथा 2 बेरोजगारों को तो ₹25,500 वेतन के तौर पर भी दिए गए थे। ठगी के मामले में सुनील दत्त शर्मा निवासी देहरादून द्वारा कोतवाली में मुकदमा दर्ज करवाया गया है। तहरीर देते हुए सुनील दत्त शर्मा ने बताया कि बीते साल 2017 में दून निवासी आरोपी वीरेंद्र गौतम ने उससे कहा था कि वह सरकारी संस्थानों में संविदा पर नौकरी लगवाता है जिसके बाद सुनील द्वारा अपने दस्तावेज वीरेंद्र गौतम को दे दिए गए और वीरेंद्र ने सुनील की मुलाकात अपने दोस्त अभिषेक लोधी से करवा दी।
अभिषेक का कहना था कि यदि नौकरी के लिए कुछ अन्य लोग भी हो तो नौकरी लगवाने में आसानी रहेगी जिसके बाद सुनील ने अपने कुछ साथियों के दस्तावेज भी अभिषेक को दे दिए। सुनील से वीरेंद्र और अभिषेक ने कहा कि उन्हें नियुक्ति पत्र देने के बाद 36 लाख रुपए देने होंगे। कुछ दिन बीत जाने के बाद अभिषेक द्वारा सुनील तथा उसके अन्य साथियों को नियुक्ति पत्र दे दिए गए जिसमें एम्स ऋषिकेश के डिप्टी डायरेक्टर अंशुमन गुप्ता के नाम से हस्ताक्षर भी थे। सुनील तथा अन्य साथियों को जैसे ही नियुक्ति पत्र मिला उन लोगों ने 36 लाख रुपए दे दिए। लेकिन बहुत समय बाद जब नियुक्ति नहीं मिली तो सुनील तथा उसके साथियों ने अभिषेक से संपर्क साधा तथा इस पर अभिषेक का कहना था कि आपका सत्यापन हो गया है और जल्द ही खाते में वेतन आना शुरू हो जाएगा। अभिषेक के कहे मुताबिक वेतन आना शुरू भी हो गया जिससे कि सभी को विश्वास हो गया। मगर जब वे लोग कुछ दिन बाद नियुक्ति पत्र लेकर एम्स ऋषिकेश गए तो वहां पता चला कि यह फर्जी हैं।
खुद के साथ ठगी होने के बाद सुनील द्वारा कोतवाली में तहरीर दी गई जिसके बाद प्रभारी निरीक्षक राजेश शाह द्वारा बताया गया है, कि तहरीर के आधार पर देहरादून निवासी वीरेंद्र गौतम समेत चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है तथा पुलिस इस मामले में कार्यवाही कर रही है।