उत्तराखंड राज्य में आगामी अप्रैल माह से चार धाम यात्रा शुरू होने जा रही है और यात्रा के दौरान घोड़ा- खच्चर संचालक भी यात्रियों को लाने और ले जाने में अहम भूमिका निभाते हैं। बता दें कि इस बार बाहर से आने वाले घोड़ा और खच्चर संचालकों को उनकी ग्लैंडर्स नेगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी। इसके बाद ही उन्हें राज्य में प्रवेश करने दिया जाएगा। घोड़ा- खच्चर और रिपोर्ट की जांच के लिए पशुपालन विभाग राज्य की सीमा क्षेत्रों में जल्द ही पांच निगरानी चौकी स्थापित करेगा। आगामी 22 अप्रैल को यमुनोत्री और गंगोत्री धाम खुल जाएंगे और उसके साथ ही यात्रा भी शुरू हो जाएगी। यात्रा के दौरान घोड़ा- खच्चर पैदल चलने वाले यात्रियों को कठिन चढ़ाई पर राहत देते हैं तथा घोड़ा- खच्चर संचालक उत्तराखंड के अलावा जम्मू, हरियाणा, उत्तर प्रदेश से भी पहुंचते हैं इसलिए इस बार सरकार द्वारा घोड़ा- खच्चर की ग्लैंडर्स नेगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य कर दी गई है। यह एक संक्रामक बीमारी है जो की अश्व प्रजाति में होती है। इस बीमारी के कारण पशु के शरीर पर गांठ बन जाती है और उसकी मौत हो जाती है। पिछले 4 वर्षों में कई पशुओं ने अपनी जान गवाई है इसलिए इस बार सरकार ने घोड़ा- खच्चर की ग्लैंडर्स नेगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य कर दी हैं।
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